ललही छठ पर शहर में कई स्थानों पर किया पूजन आदि का आयोजन

ALLAHABAD: पुत्र की सलामती और दीर्घायु के लिए भाद्रपद कृष्णपक्ष की षष्ठी पर महिलाओं ने ललही छठ (हल षष्ठी) व्रत रखकर पूजन किया। निर्जला व्रत रखकर पूजन के साथ ही दान-पुण्य किया। छठ मइया को प्रसन्न करने के लिए भजन-कीर्तन में समय बिताया।

ललही छठ माता का पूजन करने से पहले महिलाओं ने रविवार को पूरे दिन निर्जला व्रत रखा। पूजन की तैयारी की और फिर गंगा घाट, मंदिर व घर के आंगन में कुंड बनाकर सामूहिक रूप से छठ माता का पूजन किया।

इसमें किसी देवी-देवता की मूर्ति का पूजन करने के बजाय कुश, महुआ की पत्ती को जमीन में गाड़ कर पूजन किया गया। महिलाओं ने सामूहिक कहानी का पाठ किया। उनसे अपने लाल की खुशहाली के लिए मिन्नत की। प्रसाद स्वरूप चीनी का कुल्हड़, भुना चना, लाई, गेहूं आदि को चढ़ाया, जिसे सबने प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया। मान्यता है कि ललही छठ का व्रत रखने वाली महिलाओं के पुत्र दीर्घायु होते हैं।