-रामपुर डकैती के खुलासे के नजदीक पहुंची पुलिस

-बिना रिकवरी के नहीं माना जाएगा खुलासा

BAREILLY: रामपुर गार्डन डकैती में पुलिस ने संदिग्ध जॉन को उठाया है। जॉन पहले भी बड़ी वारदातों में शामिल रहा है। वह फिल्मी स्टाइल में रहने का शौकीन है। वह खुद को निर्दोष बता रहा है, लेकिन पुलिस उससे पूछताछ में लगी हुई है। पुलिस ने सभी कडि़यां जोड़ ली हैं और जल्द ही खुलासा कर सकती है। एडीजी लॉ एंड आर्डर ने भी इसे बड़ी वारदात मानते हुए कहा है कि डकैती का सही खुलासा किया जाएगा। बिना रिकवरी के खुलासा नहीं माना जाएगा।

इन लोगों के सामने आए हैं नाम

अभी तक की पुलिस जांच में सामने आया है कि डकैती को देवेंद्र पंडित उर्फ देवेंद्र जाट के गैंग ने डाला था। इसमें नकटिया का राजू ,नासिर और और हल्द्वानी का रहने वाला एरिक जॉन भी शामिल था। इसमें बरेली कॉलेज का स्टूडेंट रहा रोहित उर्फ बिल्लू भी शामिल था। उसने नोएडा में जाकर देवेंद्र पंडित से मुलाकात की थी। बिल्लू, नासिर और राजू को भी अच्छी तरह से जानते हैं।

हरियाणा डकैती में सामने आया था नाम

पुलिस सोर्सेस की मानें तो डकैती में एरिक जॉन का रोल भी संदिग्ध रहा है। एरिक जॉन फिल्मी लाइफ स्टाइल जीता है। वह लंबे-लंबे बाल भी रखता है। एरिक जॉन कई साल पहले हरियाणा में हुई बड़ी डकैती में भी शामिल था। उसने पुलिस को बताया है कि वह तबसे फरार होकर हल्द्वानी आ गया था। यहां वह किसी प्राइवेट स्कूल में स्पोर्ट टीचर बना हुआ था। जॉन ने पुलिस को बताया है कि उसके वकील ने उसे केस से निकलवाने की बात कही थी, लेकिन उसे नहीं पता कि उसके वारंट जारी हुए हैं और कुर्की के भी आदेश हुए हैं।

क्8 दिन की जांच में जुड़ी कडि़यां

डकैती को क्8 दिन पूरे हो गए हैं। इस मामले में पुलिस का सबसे पहला शक घर के नौकरों पर ही गया था। बाद में देवेंद्र का नाम सामने निकलकर आया था। जिसके आधार पर पुलिस ने सबसे पहले रोहित उर्फ बिल्लू को उठाया। बिल्लू के बाद नासिर और फिर राजू और अब जॉन को पकड़ लिया है। पुलिस इस मामले में ढाई सौ लोगों से पूछताछ कर चुकी है। नौकरों ने भी जॉन और देवेंद्र के फोटो की पहचान कर ली है। सभी की काल डिटेल भी मिल चुकी है। बन्नूबाल कॉलोनी में ठिकाना भी बनाया गया था।

रामपुर गार्डन डकैती इंपारटेंट केस है। पुलिस केस के खुलासे के काफी नजदीक पहुंच गई है। मैं स्वंय केस को मॉनीटर कर रहा हूं। केस का सही खुलासा होगा। बिना रिकवरी के खुलासा नहीं माना जाएगा।

मुकुल गोयल, एडीजी लॉ एंड आर्डर