- कूफे वाली मस्जिद से निकलेगा गिलीम के ताबूत का जुलूस

- आज ही के दिन हुआ था हजरत अली पर नमाज के दौरान हमला

- शिया समुदाय मनाता है तीन दिन का गम

LUCKNOW: पहले इमाम हजरत अली अस की शहादत के मौके पर पुराने लखनऊ में सोमवार से मजलिस और मातम का दौर शुरू हो गया। इस दौरान शहर की मस्जिदों, इमामबाड़ों और अजाखानों में मजलिसों का आयोजन किया गया। इस मौके पर 19 वीं रमजान का गिलीम का जुलूस मंगलवार की सुबह साढ़े चार बजे काजमैन स्थित कूफे वाली मस्जिद से निकलेगा और हकीम मोहम्मद तकी जैदी के इमामबाड़े तक जाएगा। जुलूस से पहले मस्जिदे कूफा में मजलिस का अयोजन होगा जिसे मिर्जा मोहम्मद अश्फाक खिताब करेंगे। मौलाना मीसम जैदी ने बताया कि रौजए काजमैन स्थित मस्जिदे कूफा में सुबह कारी मौलाना ताहिर जाफरी अजान देंगे। मौलाना मोहम्मद तकी रिजवी फज्र की नमाज अदा कराएंगे। मजलिस के बाद मस्जिदे कूफा से गिलीम के ताबूत का जुलूस निकाला जाएगा। जुलूस के पाटानाला पहुंचने पर यहां पर एक मजलिस आयोजित होगी जिसे मौलाना मीसम जैदी खिताब करेंगे। जिसके बाद ताबूत महिलाओं के सुपुर्द कर दिया जाएगा। महिलाएं ताबूत लेकर हकीम मोहम्मद तकी जैदी के अजाखाने में ले जाएगी। जहां 21 रमजान तक दिन में महिलाएं और रात में पुरुष ताबूत की जियारत कर सकेंगे।

क्या है गिलीम के ताबूत का जुलूस

चौदह सौ साल पहले इराक स्थित कूफे वाली मस्जिद में नमाज के दौरान शिया समुदाय के पहले इमाम हजरत अली पर नमाज के दौरान जहर बुझी तलवार से इब्ने मुल्जिम द्वारा हमला कर दिया गया था। जिसके बाद उनके बेटे हसन और हुसैन उन्हें गिलीम (कंबल) में उठाकर मस्जिद से घर तक लाये थे जहां तीसरे दिन वह शहीद हो गये थे। शिया समुदाय के लोग इन तीन दिनों तक गम मनाते हैं। सियाह कपड़े पहनते हैं और किसी भी खुशी में शरीक नहीं होते। इस दौरान इफ्तार भी सादे पकवान से ही किया जाता है।

यहां हुआ मजलिस का आयोजन

हजरत अली की शहादत के मौके पर इमामबाड़ा आगा बाकर में अंजुमन सज्जादिया की ओर से शाम से ही ताबूत सजा दिया गया था। इमामबाड़े में मगरिब की नमाज के बाद मजलिस का आयोजन किया गया। मजलिस को मौलाना अली मुत्तकी जैदी ने खिताब किया। मौलाना ने मजलिस में हजरत अली की शहादत बयान की जो अजादार जारो कतार रोने लगे। आगाबाकर इमामबाड़े में यह ताबूत 21 रमजान दिन गुरुवार तक रहेगा और लोग ताबूत की जियारत कर सकेंगे। इसी तहर वारिसाने ताबूत हजरत अली कमेटी की ओर से रुस्तम नगर स्थित शबीहे नजफ में रात 9 बजे शुरू हुई मजलिस को मौलाना मीसम जैदी ने खिताब किया। मौलाना ने फज्र के वक्त इमाम के घर से निकलते वक्त से तलवार लगने तक का जिक्र किया।

मंगलवार को इन स्थानों पर होगा मजलिसों का आयोजन

मंगलवार को सुबह के जुलूस के बाद रुस्तरनगर स्थित शबीहे नजफ में मंगलवार की सुबह 8 बजे मौलाना मिर्जा मोहम्मद अशफाक मजलिस को खिताब करेंगे। जबकि रात 9 बजे होने वाली मजलिस को मौलाना मीसम काजिम जरवली खिताब किया। मजलिस के बाद अंजुमनें रात भर नौहाख्वानी और सीनाजनी करेंगी। रात 8 बजे दस्त ए खतीबुल ईमान की ओर से होने वाली मजलिस को मौलाना अली नासिर सईद अबाकाती आगा रूही खिताब करेंगे। रात 9 बजे होने वाली एक अन्य मजलिस को मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी खिताब करेंगे। इसके बाद इदार ए तब्लीगो इशाअत की ओर से होने वाली मजलिस को मौलाना मिजऱ्ा मोहम्मद अशफाक खिताब करेंगे। गुरुवार 21 रमजान को सुबह 4 बजे अलविदाई मजलिस को मौलाना मीसम काजिम जरवली खिताब करेंगे। जिसके बाद ताबूत का जुलूस निकलेगा। जुलूस अपने पूर्व निर्धारित रास्तों से होता हुआ कर्बला तालकटोरा पहुंचेगा।