PATNA : चली-चली रे पतंग मेरी चली रे, चली बादलो के पार हो के डोर पे सवार, सारी दुनिया ये देख-देख जली रे, चली-चली रे पतंग जी हां! कुछ ऐसा ही नजारा था राजधानी के गंगा किनारे दियारा क्षेत्र का। शनिवार को मकर संक्रांति के अवसर पर पर्यटन विभाग की ओर से चार दिवसीय 'पतंग उत्सव' का आयोजन किया गया था। पतंग उत्सव का उद्घाटन मुख्य अतिथि राजस्व पर्षद के अध्यक्ष त्रिपुरारी शरण ने पतंग उड़ाकर की। राजधानी में पतंग उत्सव के पहले दिन देश के विभिन्न हिस्सों से पतंगबाज आए थे वहीं दूसरी ओर पतंगों के विभिन्न किस्मों को लेकर हजारों में स्थानीय लोग पतंग उड़ा रहे थे। पटनाइट्स में पतंगबाजी को लेकर होड़ मची हुई थी।

-एक धागे में बंधे क्00 पतंग

दिल्ली से आए पतंगबाज जमालुद्दीन ने एक धागे में रंग बिरंगे क्00 पतंगों को उड़ाकर सबका दिल जीत लिया। मुख्य अतिथि त्रिपुरारी शरण ने पतंगबाज की तारीफ करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन से बिहार में लुप्त होती संस्कृति के प्रति लोग जागरूक होंगे। वहीं पर्यटन विभाग की ओर आयोजित पतंग उत्सव में पर्यटकों के लिए विभिन्न तरह के खाद्य पदार्थ के स्टॉल लगाए गए हैं जिसमें लिट्टी चोखा, समोसा, चाट, पकौड़े और चाउमिन सहित कई खाद्य स्टॉल लगाए गए हैं।

-रंग बिरंगे पतंग से खिला आसमां

मकर संक्रांति पर आयोजित अंतराष्ट्रीय स्तर के पतंग उत्सव में पर्यटकों के मनोरंजन के लिए आकाश में पैराशूट सहित कई आकृति वाली पतंग उड़ाई। वहीं दरभंगा घराने से ताल्लुकात रखने वाले कलाकार अर्जुन चौधरी और शिवजी सिंह के मंच पर आते ही श्रोताओं ने तालियों से उनका स्वागत किया। शिवजी सिंह ने केसरिया बालमा पधारे मेरे देश गीत गाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

-हर हर गंगे से गूंजा दियारा

सूरज के ढ़लते ही स्थानीय लोगों के द्वारा हर हर गंगे जय जय गंगे से दियारा गूंजने लगा। वाराणसी और हरिद्वारा की तर्ज पर गंगा मईया की आरती की गई। गंगा क्षेत्र के स्थानीय पंडा रमेश कुमार ने बतया कि गंगा की आरती हम लोग प्रतिदिन करते हैं। पतंग उत्सव होने की वजह से आयोजन खास हो गया है।