रोक के बावजूद बिक रहा है चाइनीज मांझा, पुराने शहर में मिल रहे हैं मुंह मांगे दाम
शहर में हो चुकी हैं कई घटनाएं, मकर संक्रांति पर पतंगों से पट जाता है आसमान
ALLAHABAD: मकर संक्रांति पर घर से बाहर सोच समझकर निकलिए। क्योंकि, चाइनीज मंझा किसी अनहोनी का कारण बन सकता है। प्रतिबंध होने के बावजूद चोरी-छिपे कत्ल के इस सामान की बिक्री हो रही है। पहले भी यह मंझा कई दुर्घटनाओं का कारण बन चुका है। जिसमें लोगों की जान तक गई है। इसमें बाद भी न बेचने वालों ने सबक लिया है और न ही पतंगबाजों ने।
साधारण मंझे से महंगा है चाइनीज
शहर के मीरापुर, अतरसुईया, चौक, लोकनाथ, खुल्दाबाद सहित अन्य इलाकों में चोरी छिपे चाइनीज मंझे की बिक्री हो रही है। डिमांड अधिक होने के चलते इसके दाम 300 से 600 रुपए प्रति रील हैं। प्रत्येक व्यक्ति को यह बेचे भी नहीं जाते। पूरा विश्वास होने पर ही दुकानदार यह मंझा देते हैं। पुलिसिया कार्रवाई के डर से अधिकतर ग्राहकों को सीधे इंकार कर दिया जाता है।
शक होते ही दुकानदार ने किया इंकार
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने शनिवार को चाइनीज मंझे की बिक्री को टटोलने की कोशिश की। चौक एरिया में पता किया तो अतरसुइया के एक दुकानदार मुजीम (परिवर्तित नामम) का नाम सामने आया। रिपोर्टर यहां पहुंचा तो उसने पहले देने से इंकार कर दिया। दुकान के पास मौजूद एक व्यक्ति ने इशारे से कहा कि 350 रुपए दीजिए तो तत्काल उपलब्ध हो जाएगा। शाहगंज थाने के मोड़ के पहले भी एक दुकान में चाइनीज मंझे की बिक्री की सूचना मिली। लेकिन, मीडिया की भनक लगते ही दुकानदार ने देने से साफ इंकार दिया।
पूर्व में हुई घटनाएं
15 नवंबर 2015
नैनी चौराहे के करीब चाइनीज मंझे की चपेट में आने से चार साल के अथर्व की नाक कट गई। वह अपने पिता अनिल सिंह और मां वीना के साथ बाइक से शंकरगढ़ जा रहे थे। प्राथमिक उपचार बाद गहरे घाव से ब्लीडिंग रोकी जा सकी।
12 जुलाई 2016
अल्लापुर निवासी जितेंद्र मणि त्रिपाठी सिविल लाइंस श्रीहनुमत निकेतन से दर्शन करके लौट रहे थे। शाम को कंपनी बाग के पास निजी हॉस्पिटल के सामने चाइनीज मंझे से उनकी गर्दन कट गई। आनन-फानन में गंभीर हालत में हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
सितंबर 2015
नए यमुना पुल पर गौरव बनर्जी और उनकी बहन इंद्राणी चाइनीज मंझे की चपेट में आकर घायल हो गए थे। इस दुर्घटना में इंद्राणी गंभीर रूप से घायल हुई थीं तो गर्दन कटने से गौरव की मौत हो गई थी।
खतरनाक चाइनीज मांझा
प्लास्टिक की बारीक डोर पर कांच का कोट लगाकर चाइनीज मंझा तैयार किया जाता है
मार्केट में 300 से 600 रुपए तक प्रति रील मंझा बिक रहा है।
19 नवंबर 2015 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनुराग मिश्र की जनहित याचिका पर चाइनीज मंझे की बिक्री पर रोक लगा दिया था
चाइनीज मंझे से इंसान ही नहीं पक्षियों को भी खतरा होता है
इलाहाबाद में सबसे ज्यादा चाइनीज मंझे की आवक वाराणसी से होती है