40 हजार में बुक किया था कॉफ्रेंस हॉल 

पटना में राष्ट्रीय सेमिनार के लिए एएन सिन्हा इंस्टीटयूट का कॉफ्रेंस हॉल 20 हजार रुपए प्रतिदिन के रेट से बुक किया गया है। इसके अलावा कार्यक्रम में शामिल होने वाले वक्ताओं और श्रोताओं दोनों के लिए जलपान व भोजन की व्यवस्था की गई है। लाखों रुपए का बजट रजत जयंती कार्यक्रम कर छात्रों और युवा वर्ग तक भारतीय संस्कृति पहुंचाने को लेकर है. 

 

कार्यक्रम में कुलपति साहब ले रहे थे खर्राटा

कार्यक्रम में औपचारिकता निभाई गई और जिम्मेदार थकान मिटाते दिखे। बात माखनलाल चुतर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल से आए प्रोफेसर और अन्य अफसरों की करें तो सब थकान मिटाने में लगे थे। खुद कुलपति साहब प्रोफेसर बीके कुठियाला कार्यक्रम में खर्राटे भर रहे थे। आस पास के लोग भी उनके साथ कुर्सी पर ही नींद में थे। ऐसे में आप खुद ही इस राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार का उद्देश्य जान सकते हैं।

 

जब नींद खुली तो बताया कार्यक्रम का उद्देश्य

कुलपति जब नींद से जगे तो कार्यक्रम का उद्देश्य उन्होने बताया। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने उनसे सेमिनार को लेकर कई सवाल किए। पेश है कुलपति से रिपोर्टर की हुई बातचीत के प्रमुख अंश. 

रिपोर्टर - कार्यक्रम का उद्देश्य क्या है?

कुलपति - छात्र और युवा वर्ग तक भारत की संस्कृति को पहुंचाना और ग्रंथों में समाहित ज्ञान से अवगत कराना है।

रिपोर्टर -  और क्या उद्देश्य है ?

कुलपति - भारतीय संस्कृति एक खजाना है इसे ढूढऩा और उपयोग में लाना युवाओं को बताना है।

रिपोर्टर - लेकिन सेमिनार में तो छात्र और युवा नहीं दिख रहे हैं?

कुलपति - छात्र तो बहुत शामिल हुए और अब चले गए हैं। वैसे आप युवा किसे मानते हैं?

रिपोर्टर - कार्यक्रम तो छात्रों को लेकर ही था न?

कुलपति -समाज के हर वर्ग से लोगों को बुलाया गया था, जिसकी रुचि थी वो आया।

रिपोर्टर - सेमिनार में भाजपा और संघ के नेताओं की भीड़ दिख रही है?

कुलपति - प्रबुद्ध वर्ग को बुलाया गया था, भाजपा में जो प्रबुद्ध होंगे वो आए होंगे।

रिपोर्टर - क्या अन्य राजनीतिक पार्टियों में प्रबुद्ध लोग नहीं हैं?

कुलपति - हां, क्यों नहीं होंगे मैं यहां के किसी राजनेताओं को नहीं पहचानता।

रिपोर्टर - गैर भाजपा पार्टियों के नेताओं को भी बुलाया गया था क्या?

कुलपति - समाज के हर बुद्धजीवी वर्ग को बुलाया गया था, अगर कोई नहीं आया तो क्या किया जा सकता है. 

और नहीं दे सके जवाब

 

कार्यक्रम में पत्रकारिता के छात्रों के नहीं शामिल होने के सवाल पर कोई भी साफ जवाब नहीं दे सका। सहायक प्रध्यापक सौरभ मालवीय, इलेक्ट्रानिक्स मीडिया के विभागाध्यक्ष डॉ श्रीकांत सिंह, जन संपर्क विभाग के डॉ पवित्र श्रीवास्तव, मास कम्युनिकेशन के विभागाध्यक्ष डॉ संजय द्विवेदी, नोएडा परिसर के डॉ अरुण भगत से बात की गई लेकिन छात्रों को लेकर बस दो टूक जवाब था कि इसके लिए हर जगह सम्पर्क किया गया था।

 

क्या भाजपा नेताओं के लिए ही सेमिनार किया गया था?

इस तरह के सेमिनार में वैचारिक क्रांति होती है। क्रांति नहीं होगी तो देश सोने की चिडिय़ा नहीं रहेगी। स्वागत योग्य सेमिनार किया गया. 

-लवलेस कुमार, बीजेपी कार्यकर्ता

 

भारत के इतिहास को फिर से अध्यात्म को भौतिकता से जोडऩे का प्रयास किया गया। इस तरह के सेमिनार 

से रचनात्मकता की विकास होगी ।

-विमल प्रकाश, प्रशिक्षण प्रभारी बीजेपी 

 

भारत विरोधी विचार के जो लोग हैं उन्होने कल सेमिनार किया था। उसमें भारतीय परंपरागत सोच का विरोध हुआ था। उस आधार पर आज का कार्यक्रम ज्ञान की परंपरा को जीवित करने का सार्थक प्रयास है. 

-संजय कुमार,  बीजेपी कार्यकर्ता

 

वर्तमान परिस्थति युवाओं के लिए प्रेरणा का श्रोत है। पुरानी ज्ञान परंपरा को जगाने का काम किया गया है. 

-प्रदीप कुमार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष युवा मोर्चा बीजेपी 

 

ज्ञान वर्धक और लौकिक, अलौकिक परंपरागत सभी विषयों को विस्तार से बताया गया। भारत की संस्कृति से परिचय होने का अवसर मिला। इस तरह का कार्यक्रम अक्सर होना चाहिए. 

-शंभूनाथ पांडेय, बीजेपी नेता