- जून माह को मलेरिया माह के रूप में मनाया जाता है।
- - डीएमओ की ओर से कराई जा रही है एंटीलार्वा स्प्रे और फागिंग
Meerut । अगर गर्मी में तेज सर्दी लगने लगे तो तुरंत मलेरिया टेस्ट करा लें। गंभीर हालत में मलेरिया से मौत तक हो सकती है। दुनिया भर में हर साल करीब 40 से 90 करोड़ मामलों में मलेरिया बुखार का कारण बनता हैं। मेरठ में भी हर साल सैकड़ों लोग इसके गिरफ्त में आ जाते हैं।
- मलेरिया मादा मच्छर एनाफ्लीज के काटने से होता है।
- 3 हफ्ते तक मलेरिया के पैरासाइट एनाफ्लीज के साथ रहते हैं। इस दौरान 10 लोगों को यह काटती है।
-4 प्रकार का मलेरिया भारत में पाया जाता है।
-प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम
- प्लास्मोडियम विवैक्स
-प्लास्मोडियम ओवेल
-प्लास्मोडियम मलेरिये
- 2 प्रकार का मलेरिया प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम यानी पीएफ व प्लास्मोडियम विवैक्स यानि पीवी उत्तरी भारत में होता है।
- प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम मलेरिया में जान जाने की संभावना बढ़ जाती है।
- महिलाओं और बच्चों में मलेरिया की संभावना बहुत ज्यादा होती है।
- इसकी जांच स्लाइड ब्लड टेस्ट या किट द्वारा की जा सकती है।
- 50 से 150 रूपये प्राइवेट लैब में जांच के लगते हैं।
- मेरठ में सभी सीएचसी, पीएचसी, जिला अस्पताल व एलएलआरएम कॉलेज में निशुल्क जांच व इलाज होता है।
- 90 प्रतिशत मलेरिया के मामलों में मच्छरों का वाहक गंदगी होती है।
- हर साल जून को मलेरिया माह के रूप में मनाया जाता है।
- जुलाई, अगस्त, सितंबर में बढ़ता है मलेरिया फैलने का खतरा
- 2016 में जुलाई में 33, अगस्त में 51 व सितंबर में 66 केस मिले थे
- 2017 में जुलाई में 18, अगस्त में 17 व सितंबर में 12 केस मिले थे।
- बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।
मलेरिया की रोकथाम के लिए हमने पूरी तैयारी शुरु कर दी है। रोजाना शहर के अलग-अलग इलाकों में फॉगिंग और एंटी लार्वा स्प्रे कराया जा रहा है। इसके अलावा अवेयरनेस प्रोग्राम की तैयारी भी चल रही है।
डॉ। योगेश सारस्वत, जिला मलेरिया अधिकारी, मेरठ।