-पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने कहा-पार्टी मल्ल के साथ

-धनौल्टी सीट पर हुई है कांग्रेस की सबसे ज्यादा फजीहत

-मल्ल को दिया टिकट वापस नहीं ले पाई है कांग्रेस

DEHRADUN: गुटबाजी, रणनीति में बिखराव के अलावा तमाम सारी बातें ऐसी रही हैं, जो कि चुनावी रण क्षेत्र में कांग्रेस की फजीहत करा रही है। धनोल्टी सीट पर पार्टी के घोषित प्रत्याशी मनमोहन मल्ल के मल्ल युद्ध ने कांग्रेस को चित्त कर दिया है। अघोषित तौर पर प्रभारी की भूमिका में काम कर रही पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को कहना पड़ा है कि धनौल्टी में पार्टी मनमोहन मल्ल के लिए काम करेगी। इससे पहले, कांग्रेस में एक गुट के संरक्षण पाकर मैदान में डटे मनमोहन मल्ल ने तकनीकी चीजों का खूबसूरती से फायदा उठाकर कांग्रेस के दिग्गजों को आईना दिखा दिया है।

टिकट, जो वापस ही न हो पाया

धनौल्टी सीट पर तकनीकी वजह से दिलचस्प और एक लिहाज से अजीबो-गरीब स्थिति बन गई है। पार्टी पहले अपने सहयोगी पीडीएफ के लिए ये सीट छोड़ना चाहती थी। पीडीएफ से जुडे़ रहे कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह पंवार इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन बाद में कार्यकर्ताओं के दबाव में पार्टी को अपना प्रत्याशी उतारना पड़ा। मसूरी के चेयरमैन मनमोहन मल्ल को टिकट दिया गया, लेकिन बाद में हाईकमान ने उनका टिकट वापस ले लिया। मगर नामांकन कराने की अंतिम तिथि निकल जाने से जुडे़ तकनीकी पेंच का मल्ल ने फायदा ले लिया है। अब कांग्रेस के प्रत्याशी वह ही माने जा रहे हैं। वह चुनाव पूरे दमखम से लड़ रहे हैं।

नुकसान के आसार कुछ कम नहीं

धनौल्टी सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी को लेकर कुछ समय भ्रम की स्थिति भी बनी रही। टिकट देने और फिर वापस लेने के फैसले ने आम कार्यकर्ता को भरमा दिया है। हालांकि कितनी जल्दी मल्ल आपदा प्रबंधन कर लेते हैं, ये देखने वाली बात होगी। पिछले चुनाव में भी मल्ल ही कांग्रेस के उम्मीदवार थे और उपविजेता रहे थे।

हरदा कैंप नाखुश, किशोर कैंप खुश

प्रीतम सिंह पंवार के समर्थन में शुरू से जुटे हरीश रावत कैंप से जुडे़ लोग मौजूदा स्थिति से नाखुश हैं। हालांकि पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय का कैंप इस मामले में खुश नजर आ रहा है। उपाध्याय के साथ ही पीसीसी के कई पदाधिकारियों का मल्ल को खुला समर्थन रहा है। ये ही वजह रही कि जब मल्ल को टिकट मिला, तो प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने विरोध नहीं किया, जबकि बिष्ट भी टिकट के लिए हाथ पैर मार रहे थे।