-238 गांवों में लगाए गए स्वास्थ्य कैंपों में मिले अतिकुपोषित बच्चे

-जिले में हजारों बच्चे हैं कुपोषित, सेहत में सुधार की कोशिश जारी

ALLAHABAD: शासन-प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद कुपोषण पर लगाम लगाना मुश्किल साबित होता जा रहा है। जनपद में शायद ही कोई ऐसा गांव हो जहां ऐसे बच्चे न हो। इसकी तस्दीक जीवन स्वास्थ्य कैंपों के जरिए हो रही है। अब तक लगाए गए कैंपों में छह सौ से अधिक अतिकुपोषित बच्चों को चिह्नित किया गया है। इसके अलावा सरकारी आंकड़े बताते हैं कि कुपोषित बच्चों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। इन पर लगाम नहीं लगाई तो स्थिति गंभीर हो सकती है।

ख्फ्00 बच्चे हैं कुपोषित

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि जिले में ख्फ्00 बच्चे कुपोषित हैं। इनकी उम्र के हिसाब से बच्चों का वजन काफी कम पाया गया है। देखा जाए तो यह आंकड़ा चिंतनीय स्थिति की ओर इशारा कर रहा है। उधर, इलाहाबाद विवि के सेंटर ऑफ फूड टेक्नोलॉजी की ओर से वर्ष ख्0क्ख् किए गए सर्वे के मुताबिक, जिले के भ्0 से म्0 फीसदी बच्चे कुपोषित हैं। यह सर्वे यह भी बताता है कि कुपोषित बच्चों की संख्या में तेजी से बढ़ रही है।

अब तक म्ब्8 अतिकुपोषित मिले

प्रदेश में कुपोषित बच्चों की बढ़ती संख्या पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने जीवन स्वास्थ्य कैंप लगाए जाने के निर्देश दिए हैं। जिले में बीते आठ से ख्म् जून के बीच ख्फ्8 गांव में कैंप लगाए गए, जिसमें म्ब्8 बच्चे अतिकुपोषित मिले हैं। अभी फ्क्फ् गांवों में और कैंप लगाए जाने हैं। चिह्नित किए गए बच्चों को पोषण और इलाज के पास के हेल्थ सेंटर पर रेफर किया गया है। उधर, सरकारी आंकड़े बताते हैं कि जिले में अतिकुपोषित बच्चों की संख्या क्भ्भ्भ् है। उचित इलाज नहीं मिलने से इनकी मृत्यु भी हो सकती है।

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साहब के गांव में भी कुपोषण का दंश

कुपोषण के दंश से सांसद, विधायक और अधिकारियों द्वारा गोद लिए गए गांव भी नहीं बचे हैं। यहां भी बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे सामने आए हैं। सीडीओ अटल कुमार राय द्वारा गोद लिए गए गांव खजुरी में ऐसे बच्चों की संख्या बहुतायत में है। सांसद आदर्श गांव बैदवार कलां में लगाए गए कैंप में छह बच्चे अतिकुपोषित मिले हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के सोर्सेज बताते हैं कि कैंप एएनएम सेंटर के तहत लगाया जाता है और एक सेंटर के अंडर में छह से सात गांव होते हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग कैंप तक नहीं पहुंच पा रहे हैं जिससे कुपोषण और अतिकुपोषण के कई मामले सामने नहीं आ पा रहे हैं।

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आंकड़े दे रहे खतरे का संकेत

यूपी में कुपोषण के आंकड़े बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते। प्रदेश में शिशु मृत्यु दर म्8 व नवजात मृत्यु दर ब्9 है। यही नहीं राष्ट्रीय नवजात मृत्यु दर ख्8 है तो यूपी में फ्भ् है। आंकड़े बताते हैं कि शिशु मृत्यु का लगभग ब्भ् फीसदी किसी न किसी प्रकार कुपोषण से जुड़ा है। बता दें कि सबसे अधिक शिशु मृत्यु दर वाले प्रदेशों में टॉप टेन में शामिल है।

फैक्ट फाइल

ख्फ्8 गांवों में लगे जीवन स्वास्थ्य कैंप

म्ब्8 बच्चे अब तक मिले अतिकुपोषित

क्भ्भ्भ् बच्चे जिले में अतिकुपोषित

ख्फ्00 बच्चे जिले में कुपोषित

फ्0फ् गांव दूसरे चरण में कैंप के लिए चिह्नित

म्8 यूपी में शिशु मृत्यु दर

ब्9 यूपी में नवजात मृत्यु दर

अतिकुपोषित बच्चों को चिह्नित करने के लिए जिले में जीवन कैंप का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे बच्चों को चिह्नित कर उन्हें स्वास्थ्य केंद्र भेजा जा रहा है। इसके अलावा माताओं के स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे कुपोषण के मामलों से राहत मिलेगी।

जीडी यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी

कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कैंपों में मिलने वाले कमजोर बच्चों और माताओं को न्यूट्रिशन के साथ उचित इलाज प्रदान किया जा रहा है। स्थिति में सुधार हो रहा है।

डॉ। पदमाकर सिंह, सीएमओ