- सुतलाल सोरेन कर रहीं हैं मन की बात का संताली अनुवाद

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जमशेदपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' अब झारखंड के उन आदिवासियों को भी समझ में आएगी जो न हिंदी बोलना जानते हैं और न समझते हैं। इसके लिए 'मन की बात' का संताली अनुवाद ऑन एयर किया जा रहा है। रेडियो पर तो संताली भाषा में प्रधानमंत्री के मन की बात सुनी ही जा सकती है, मोबाइल पर मिस्ड कॉल देकर भी इसे सुना जा सकता है। रेडियो व मोबाइल के अलावा ऑल इंडिया रेडियो की वेबसाइट पर भी लॉग इन कर किसी भी समय मन की बात के किसी भी एपिसोड को सुना जा सकता है।

कोलकाता स्टेशन से प्रसारण

प्रधानमंत्री के मन की बात का संताली अनुवाद ऑल इंडिया रेडियो की अनाउंसर सुतलाल सोरेन कर रही हैं। कोलकाता स्थित ऑल इंडिया रेडियो के स्टेशन से मन की बात के संताली संस्करण को उसी दिन प्रसारित किया जाता है, जिस दिन प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं। ¨हदी व बांग्ला में प्रसारण समाप्त होने के बाद कोलकाता स्टेशन से इसे बंगाल व झारखंड रीजन में प्रसारित किया जाता है।

1922 पर करें कॉल

सुतलाल सोरेन बताती हैं कि जिन इलाकों में कोलकाता स्टेशन की पहुंच नहीं है वहां के श्रोता अपने मोबाइल से 1922 नंबर (टॉल फ्री) पर मिस्ड कॉल देकर यह प्रसारण किसी भी समय सुन सकते हैं। मिस्ड कॉल देने के बाद ऑल इंडिया रेडिया के ग्राहक सेवा केंद्र (कॉल सेंटर) से कॉलबैक किया जाता है। इसके बाद उन्हें कॉल सेंटर के मार्गदर्शन के अनुरूप 27 नंबर दबाने पर मोबाइल पर प्रधानमंत्री के मन की बात संताली में सुनाई देने लगती है। इसके अलावा मन की बात के अब तक के सभी एपिसोड भी श्रोता वेबसाइट पर जाकर सुन सकते हैं। सुतलाल सोरेन के मुताबिक शुरू से जितने भी मन की बात के कार्यक्रम हुए हैं, उन सभी के संताली अनुवाद वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। संताली में अब मन की बात का प्रसारण होने से झारखंड की बड़ी आबादी तक प्रधानमंत्री की बात पहुंच सकेगी। गौरतलब है कि झारखंड में आदिवासियों की बड़ी आबादी संताली भाषा बोलनेवालों की है। ऑल इंडिया रेडियो की इस पर से अब संताल आदिवासियों के घर-घर तक प्रधानमंत्री के मन की बात पहुंच सकेगी।