- सिटी के मैक्सिमम एरियाज में खुले पड़े हैं मैनहोल, किसी से ढक्कन हैं गायब तो किसी पर लगा है टूटा हुआ ढक्कन

- बेखबर है नगर निगम और जलकल विभाग, एक्स कमिश्नर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी खुले मैनहोल्स को बंद करने के दिए थे आदेश

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ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ: अपने शहर में यूं तो समस्याओं का अंबार है। सड़के हैं तो चलने लायक नहीं है, सीवर है तो बजबजा रहा है और तो और कई ऐसे इलाके भी हैं जहां मौत के मुहाने खुले पड़े हैं। हम यहां बात कर रहे हैं उन खुले मैनहोल्स की जो लाख कोशिशों के बाद भी अब तक बंद नहीं हुए हैं। ऐसे एक दो नहीं बल्कि दर्जनों मैनहोल्स हैं जो खुले पड़े हैं और इंतजार कर रहे हैं किसी घटना का लेकिन नगर निगम और जलकल है कि इन मैनहोल्स की ओर इनका ध्यान हीं नही जा रहा है। ये हाल तब है जब आज से लगभग छह माह पूर्व तत्कालीन कमिश्नर चंचल तिवारी ने शिवपुर में खुले मैनहोल में एक बाइक सवार के गिरने और चोटिल होने के बाद नगर निगम को खुले मैनहोल्स का सर्वे कर इनको बंद करने का आदेश दिया था। जिसके बाद जलकर ने अधिकांश मैनहोल्स बंद करने का दावा करते हुए रिपोर्ट भी फाइल की थी लेकिन सच तो ये है कि अब तक कई मैनहोल्स खुले पड़े हैं और इंतजार कर रहे हैं किसी अप्रिय घटना के घटित होने का।

मई 2013 को जब शिवपुर में एक युवक के बाइक समेत मैनहोल में गिरने के बाद उसकी मौत हुई तो प्रशासन की नींद खुली थी और तत्कालीन कमिश्नर के आदेश पर खुले मैनहोल्स को बंद करने का काम हुआ था। खुले मैनहोल्स को कवर करने के अभियान के तहत नगर निगम ने ये दावा किया था कि शहर में खुले पड़े 70 से ज्यादा मैनहोल्स को कवर किया जा चुका है लेकिन निगम का ये दावा पूरी तरह से तब हवा हवाई ही साबित हुआ जब रविवार को आई नेक्स्ट टीम ने सिटी के आधा दर्जन उन इलाकों में गई जहां निगम ने मैनहोल्स कवर करने का दावा पिछले दिनों किया था। अपनी इस विजिट में हमें पता चला कि उस वक्त जलकल और निगम ने जिन 70 मैनहोल्स को बंद करने के दावे किए थे वो उस वक्त तो बंद किए गए थे लेकिन एक बार फिर इन पर से या तो ढक्कन गायब है या तो उस वक्त लगाये गए सीमेंट के ढक्कन टूट चुके हैं। ये सारे मैनहोल्स ऐसे इलाकों में खुले हैं जिन पर पब्लिक की आवाजाही सबसे ज्यादा है।

सफाई के लिए हटा तो फिर नहीं लगा

इन मैनहोल्स के खुले होने के पीछे नगर निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों का बयान लापरवाही भरा लग रहा है। सिटी के कई इलाकों में खुले मैनहोल्स को लेकर आई नेक्स्ट ने जब निगम के एक कर्मचारी से इसकी वजह पूछी तो उसका कहना था कि मैनहोल्स पर ढक्कन लगे थे लेकिन बरसात के कारण रोड पर लगे पानी को निकालने के लिए मैनहोल से ढक्कन को या तो निगम कर्मियों ने हटाया या तो खुद पब्लिक ने। अब सवाल ये उठता है कि अगर ढक्कन हटाया गया तो लगाया क्यों नहीं गया? जबकि निगम को ये अच्छे से पता है कि खुले मैनहोल हमेशा से बड़ी घटनाओं का सबब बनते रहे हैं।

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यहां यहां खुले हैं मैनहोल्स

- महमूरंगज, आकाशवाणी के बाहर

- महमूरगंज शील नगर कॉलोनी

- मलदहिया

-जगमबाड़ी

- रविदासगेट

- गुरुधाम

- गैबी

- रोडवेज कैंट

- रथयात्रा चौराहा

- सिगरा

- नाटनियादाई

- लालपुर

- शिवपुर

- बजरडीहा रोड

पुरानी घटनाओं से भी तो चेत जाते

- अगस्त 2013 में पहडि़या में खुले मैनहोल में गिरने से युवक की हुई मौत

- मई 2013 में सिगरा में खुले मैनहोल में गिरने से युवक हुआ घायल

- मई 2013 में शिवपुर में युवक की बाइक खुले मैनेहोल में जाने से पीछे बैठी महिला, बच्चा और युवक हुआ घायल

- मार्च 2013 में खुले मैनहोल में छात्र नेता की कार गिरने से दो जख्मी

- अप्रैल 2013 में टकटकपुर में खुले मैनहोल में गिरने से बाइक सवार की मौत

- अप्रैल 2013 में जैतपुरा के एक बुनकर की खुले मैनहोल में गिरने से हुई मौत