फिर बैन होगा एनएससीएन के

गृह मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि एस एस खापलांग के नेतृत्व वाले उग्रवादी समूह नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड को एक बार फिर प्रतिबंधित किए जाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इस संबंध में एक दस्तावेज भी तैयार कर लिया गया है जिसे अगली कैबिनेट मीटिंग में पेश किया जा सकता है। ज्ञात हो कि साल 2001 तक यह संगठन भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित संगठनों की सूचि में शामिल था। लेकिन खापलांग द्वारा सरकार के साथ संघर्ष विराम समझौता किए जाने के बाद से संगठन पर लगे बैन को हटा लिया गया।

मोस्ट वांटेड मैन है खापलांग

गृह मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार खापलांग ने नॉर्थ-ईस्ट के पांच सबसे सक्रिय उग्रवादी संगठनों जैसे यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम (स्वतंत्र), नेशनलिस्ट सोशलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल (खापलांग), कामतापुर मुक्ति संगठन (केएलओ) और बोडोलैंड नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (सोंगबिजित) को अपने साथ मिला लिया है। इन सबके साथ मिलकर खापलांग नागा बहुल्य क्षेत्रों को हासिल करना चाहता है।

खापलांग के साथ म्यांमार सेना

रॉ के सूत्रों के अनुसार उग्रवादी नेता खापलांग ने म्यांमार सेना के साथ एक समझौता कर लिया है जिसके तहत वे अपने कुछ क्षेत्र पर खापलांग को शासन करने की अनुमति देते हैं। फिलहाल खापलांग म्यांमार के यांगून में एक आर्मी हॉस्पिटल में अपना इलाज करा रहा है। एनएसए अजीत डोभाल ने अपनी हालिया म्यांमार यात्रा के दौरान म्यांमार सरकार से खापलांग को प्रत्यर्पित करने की मांग की थी।

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