नौ दिन तक माता को पहनाया जाएगा अलग-अलग रंग का चोला

Meerut। जागृति विहार स्थित मां मंशा देवी के मंदिर की मान्यता है कि आज तक इस मंदिर से कभी कोई खाली हाथ वापस नहीं लौटा। इसी मान्यता के कारण हर साल नवरात्र में नौ दिन तक यहां भक्तों की कतार टूटती नहीं है।

200 साल पुराना

मंशा देवी मंदिर करीब 200 साल पुराना है। जानकारों के अनुसार यहां पहले जंगल हुआ करता था। जंगल के पास ही औरंगशाहपुर डिग्गी की शमशान भूमि हुआ करती थी। जिसके बीच में माता की मूर्ति रखी हुई थी। इसलिए इस मंदिर को मरघट वाली मां का मंदिर भी कहते हैं। 1990 में भक्तों की भीड़ को देखते हुए यहां मंदिर का निर्माण करवाया गया था।

सजती है मां

इस मंदिर की खासियत है यह है कि यहां भक्तों को नवरात्र में मां के नौ रूपों के दर्शन होते हैं। यहां मां को सोमवार को सफेद, मंगलवार को नारंगी, बुधवार को हरे, गुरुवार को पीले, शुक्र को जामुनी, शनिवार को नीला या काला और रविवार को लाल रंग का चोला पहनाया जाता है।

नवरात्र के नौ दिन लगातार सुबह मां का श्रृंगार और हवन किया जाता है। रात्रि में भी विशेष पूजा व मां दर्शन होते हैं।

पंडित भगवत गिरी, पुजारी