माता-पिता और कोच हैं मेरे गॉड फादर

दून पहुंचने पर महिला क्रिकेटर मानसी जोशी का हुआ जोरदार स्वागत

DEHRADUN: आज मैं जिस मुकाम पर हूं, उसमें सबसे बड़ा योगदान मेरे परिवार और कोच का है। मेरे गॉड फादर मेरे कोच और माता-पिता हैं। मेरी इच्छा है कि मैं अपने परिवार के साथ ही उत्तराखंड का नाम रोशन कर सकूं। यह कहना है इंग्लैंड में आयोजित हुए महिला विश्वकप में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली उत्तराखंड की मानसी जोशी का।

कोच का बड़ा योगदान

शुक्रवार को भारतीय महिला क्रिकेट टीम की मीडियम फास्ट बॉलर मानसी जोशी का जौलीग्राण्ट एयरपोर्ट से लेकर घर तक जोरदार स्वागत हुआ। मानसी जोशी ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से खास बातचीत में कहा कि भारतीय महिला टीम का अनुभव जीत में रोड़ा बन गया। मानसी ने बताया कि उनकी सफलता में कोच वीएस रौतेला का बड़ा योगदान है। पिछले तीन साल में उनके दिए प्रशिक्षण से मेरे खेल में निखार आया है। फिलहाल वह अब घरेलू क्रिकेट पर फोकस करना चाहती हैं। इसमें बेहतर प्रदर्शन से ख्0क्8 में होने वाले टी-ख्0 विश्वकप की राह खुलेगी। बता दें मानसी वर्तमान में चन्दरनगर में एक किराए के मकान में अपने माता-पिता के रह रहीं हैं।

सीनियर प्लेयर्स नहीं संभ्ाल पाए मैच

फाइनल मैच में न खेल पाने से खफा मानसी कहती हैं कि सीनियर प्लेयर के न संभल पाने के कारण फाइनल मैच में हार मिली। अब घरेलू मैच शुरू होने वाले हैं, कोशिश रहेगी की अच्छा प्रदर्शन करें ताकि आगे टीम में जगह ि1मल सके।

मानसी पर है गर्व

मानसी को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कोच विरेन्द्र सिंह रौतेला गर्व महसूस करते हैं। उनका कहना है सप्ताह के पहले पांच दिन चार घंटे की कोचिंग दिया करता था। बाकी शनिवार ओर रविवार को आठ घण्टे की कोचिंग दिया करता था। मेरा प्रयास रहेगा की मानसी को आगे होने वाले मैच के लिए और अच्छे से तैयार किया जा सके।

परिवार और प्रदेश का नाम करना है रोशन

मानसी का क्रिकेट चुनने का कोई उद्देश्य नहीं था। लेकिन मानसी बचपन में गली के बच्चों के साथ क्रिकेट खेला करती थी। जब मानसी आगे की क्लास में पहुंची तो उन्होंने क्रिकेट को ही अपना पसंदीदा खेल बनाया और देश का नाम रोशन करने की ठान ली।

पुलिस की जॉब पसंद

महज एक साल में अपनी गेंदबाजी के दम पर व‌र्ल्ड कप में पहुंचने वाली मानसी जोशी अच्छे जॉब ऑफर के इंतजार में हैं। मानसी ने बताया कि दो साल से उन्हें रेलवे से जॉब ऑफर आ रहे हैं, लेकिन उन्होंने स्वीकार नहीं किया। मुझे पुलिस की जॉब पसंद है। टीम में शामिल हिमाचल की सुषमा रेलवे में हैं। लेकिन, हिमाचल प्रदेश सरकार ने उन्हें डीएसपी बनाने की पेशकश की है। अगर प्रदेश सरकार जॉब ऑफर करती है तो वह अपने ही प्रदेश में जॉब करना पसंद करेंगी।