आगरा। नोएडा के चर्चित आरुषि-हेमराज मर्डर केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जेल में बंद आरोपी तलवार दंपत्ति को बरी कर दिया। गुरुवार को दिए गए कोर्ट के इस फैसले से आरुषि के हत्यारों को सजा की उम्मीद में और देरी होती दिख रही है, वहीं अब तक हुई जांच भी सवालों के घेरे में आ गई है। शहर में भी कई ऐसे मामले हैं, जिनमें जांच हुई तो, लेकिन पुलिस के हाथ आरोपियों के गिरेबां तक नहीं पहुंच सके। एक मामले में तो पुलिस ने एफआर लगा दी, जबकि दूसरे मामले में एफआर वापस की गई।

मशहूर शायर थे मृतक

थाना सिकंदरा स्थित केके नगर निवासी 70 वर्षीय पृथ्वीनाथ चतुर्वेदी रिटायर्ड सहायक आबकारी आयुक्त थे। इसके अलावा वह उर्दू के नामचीन शायर थे। शायरी के क्षेत्र में लोग उन्हें दास के नाम से जानते थे। वह यहां पर अकेले रहते थे। साथ में एक नौकरानी देखरेख के लिए थी। तीन सितम्बर 2014 को दास के मकान में लूटपाट की गई। इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। मामले को पुलिस ने शुरू से हल्के में लिया। मृतक के भाई हरेश चतुर्वेदी के मुताबिक पुलिस ने उस दौरान नौकरानी को पकड़ा था, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया। इसके बाद पुलिस की पड़ताल ढीली होती गई। कुछ महीने बाद पुलिस से सम्पर्क किया, तो कोई सीधा जवाब नहीं मिला। इसके बाद सम्पर्क किया तो पता चला कि पुलिस ने मामले में एफआर लगा दी। पुलिस उनसे हर बार नामजद तहरीर मांगती रही। हरेश चतुर्वेदी के मुताबिक परिवार नामजद तहरीर कैसे देता, जबकि मारने वाले अज्ञात थे।

नृशंस हत्या कांड में भी बरती ढिलाई

थाना हरीपर्वत के हनुमान चौक खंदारी में लेदर कारोबादी दम्पत्ति 70 वर्षीय अवनीश ग्रोवर व उनकी पत्नी ऊषा ग्रोवर की 15 नवम्बर 2015 को नृशंस हत्या कर दी गई। दोनों के शव गैराज में पड़े मिले। उनका बेटा गिरीश, पुत्रवधू रिचा दिल्ली में विवाह समारोह में गए थे। पुलिस ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। कई दिनों तक तो पुलिस टेप को लेकर उलझी रही। वारदात के दौरान टेप से दम्पत्ति के हाथ, पैर और मुंह बांधे गए थे। पुलिस ने मजदूरों से भी पूछताछ कर ली। इसके बाद भी पुलिस के हाथ खाली रहे। मामले में कई बार अधिकारियों ने संज्ञान लिया है। फिर भी मामला ढाक के तीन पात ही है। पुलिस पड़ताल के नाम पर खानापूर्ति कर रही है। कई बार केस की फाइल खुली और बंद हो गई। पूर्व में मामले में तत्कालीन एसपी सिटी सुशील घुले व तत्कालीन एएसपी अनुराग वत्स ने मौके पर जाकर क्राइम सीन दोहराया, लेकिन इसके बाद भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा। पुलिस ने मामले में एफआर लगाने की तैयारी कर ली। पुलिस ने एफआर लगा भी दी थी। लेकिन एएसपी श्लोक कुमार ने एफआर रोक दी। अब मामले में अग्रिम विवेचना चल रही है। अब भी उम्मीद है कि इस मामले में कुछ निकल सकता है, लेकिन वह किस तरह हो पाएगा यह कह पाना संभव नहीं है।