- कई ऐतिहासिक युद्धों के साक्षी रहे रि। देवेंद्र विश्नोई

- पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी किया सम्मानित

- 1991 के भारत-पाक युद्ध और ऑपरेशन ब्लूस्टार में भी रहे

-प्रशांत की गिरफ्तारी के लिए डाली जा रही ताबड़तोड़ दबिश

मेरठ। रि। कर्नल देवेंद्र विश्नोई की कोठी पर उसकी समूची आर्मी जर्नी की तस्वीरें टंगी थी। जिसमें ये भी दिखाया गया था कि रि.कर्नल विश्नोई 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में शामिल रहा था। इसके अलावा उनकी फोटो चौ.सहदेव सिंह, चौ.विजय सिंह व रिटायर जनरल शहनवाज हुसैन के साथ भी मिली।

ऑपरेशन ब्लूस्टार के हीरो

अमृतसर के गोल्डन टेंपल में आंतकवादियों को मार गिराने के लिए तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था। यह आपरेशन कर्नल देवेंद्र विश्नोई के देखरेख में चलाया गया था। इसके लिए देवेंद्र विश्नोई को सम्मानित भी किया गया था।

कलाम ने किया सम्मानित

रि.कर्नल देवेंद्र विश्नोई की आर्मी जर्नी काफी ऐतिहासिक रही है। उनके घर पर मिली फोटो के आधार पर उन्हें पूर्व राष्ट्रपति डा। एपीजे अब्दुल कलाम आजाद भी सम्मान करते हुए नजर आ रहे है।

धमकाने का प्रयास

सूत्रों की मानें तो जब रिटायर्ड कर्नल देवेंद्र विश्नोई से डीआरआई की टीम ने पूछताछ शुरू की तो उन्होंने डीआरआई के अधिकारियों को धमकाया। उन्होंने कहा कि वह आपरेशन ब्लू स्टार में शामिल रहे है इस दौरान उनके हाथ में गोली भी लगी थी। वह निशान आज भी है।

एक घंटे में किए साइन

वन विभाग के आफिसरों ने बताया कि जब डीआरआई के अधिकारी कर्नल देवेंद्र विश्नोई के घर पर पहुंचे तो आफिसरों ने कर्नल को सर्च वारंट पर साइन करने के लिए कहा। लेकिन उन्होंने साइन करने से इंकार कर दिया। जब उन्होंने उसे जेल भेजने की धमकी दी तो एक घंटे बाद सर्च वारंट पर साइन कर दिए।

कई लग्जरी गाडि़यां

जांच में निकल कर आया है कि प्रशांत विश्नोई के पास कई लग्जरी गाडि़यां है, जिनका नंबर भी वीवीआईपी है। सभी वाहनों पर आगे पीछे आर्मी लिखा हुआ है। पुलिस का कहना है कि हो सकता है कि यह आर्मी लिखे वाहनों में अवैध हथियारों की तस्करी करता हो।

बेटे ने किया गलत काम

छापे के बाद मीडिया के सामने आए रि। कर्नल देवेंद्र विश्नोई ने कहा कि उनके बेटे ने गलत काम किया है। वह उसमें कुछ नहीं कर सकते। इस बात की नालेज उन्हें भी नहीं है कि उनके घर पर क्या अवैध सामान रखा है।

नहीं हुई गिरफ्तारी

रि। कर्नल देवेंद्र विश्नोई अपने घर पर मौजूद है। वन विभाग के मुख्य वन सरंक्षक मुकेश कुमार का कहना है कि रि। कर्नल सीनियर सिटीजन है। वह बीमार भी है। इसलिए उनकी गिरफ्तारी नहीं की जा रही है। एसएसपी जे.रविंद्र गौड़ ने देवेंद्र विश्नोई की कोठी पर इंस्पेक्टर सिविल लाइन विजय कुमार की डयूटी लगाई हुई है।

अफसरों की नाक के नीचे तस्करी

स्थानीय लोगों की मानें तो पॉश कालोनी में यह अवैध हथियारों व वन्य जीवों की तस्करी का धंधा कई सालों से चल रहा था। जबकि कर्नल के आवास के पास डीएम व एसएसपी का बंगला भी है। इसके सामने महिला थाना समेत सभी अधिकारी यहीं पर रहते है। लेकिन पुलिस की कभी इन पर निगाहें नहीं गई। कोठी पर मिले वन्य जीवों के जखीरों की जांच एसडीओ संजीव कुमार करेंगे।