- क्राइम सीन दे रहा पुलिसिया लापरवाही की गवाही

- कोर्ट में एक दिन भी नहीं टिक पाएगा पुलिस का यह खुलासा

LUCKNOW: मौक-ए-वारदात की जो तस्वीरें बयान कर रही थीं उसे अंधा भी देख कर कह सकता था कि कत्ल बड़ी बेरहमी से किया गया है। यह काम किसी एक शख्स को हो ही नहीं सकता, लेकिन पुलिस की थ्योरी बिल्कुल अलग है। घटना के एक दिन बाद घटना स्थल से लौटीं एडीजी सुतापा सान्याल ने ना सिर्फ गैंग रेप की पुष्टि की थी बल्कि घटना स्थल के इंस्पेक्शन और अपने एक्सपीरियंस को शेयर करते हुए कहा था कि इसमें एक से अधिक लोग शामिल थे। लेकिन जब खुलासा हुआ तो सारे सुबूत और एक्सपीरियंस धरे रह गये।

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बॉडी को घसीटा गया

मौके के हालात और तस्वीरों को देख कर कोई भी कह सकता है कि यहां बॉडी को काफी दूर तक घसीटा गया था। रास्ते में खून के निशान थे। आखिर एक युवक कैसे इस काम को अंजाम दे सकता है? हैंडपंप से लेकर स्कूल के कमरे तक फैले खून एक से अधिक लोगों के होने की गवाही दे रहे थे।

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दीवार पर पड़ीं खून की छीटें क्या चाभी से दिये गये जख्म से हो सकती हैं?

पुलिस का दावा कि चाभी से किया गया वार जिससे इतनी ब्लीडिंग हुई की पीडि़ता की मौत हो गयी। पुलिस से सीधा सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि अगर कोई शख्स किसी से रेप अटेंप्ट कर रहा हो तो क्या वह एक हाथ में चाभी लेकर यह सब करेगा? कुछ देर के लिए मान भी लिया जाए कि जख्म चाभी से दिये गये हैं तो उस चाभी में कितनी धार थी जिसके घाव से खून के फव्वारे फूट पड़े? जिसकी छीटों से स्कूल की दीवार लाल हो गयी।

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट में धारदार हथियार की बात

सोर्सेज की मानें तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इंजरी के निशान किसी धारदार हथियार से चोट पहुंचायी गयी है, लेकिन पुलिस ने पूरी घटना में किसी धारदार हथियार को सिरे से गायब कर दिया है। पूरी जांच में ना तो कहीं धार दार हथियार का जिक्र है और ना ही आरोपी ने किसी धारदार हथियार के बारे में बताया है।

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घटनास्थल पर मिली थी पुलिस को तीन लोगों की लोकेशन

घटना के पहले दिन पुलिस को जांच के दौरान टावर लोकेशन में घटना स्थल पर तीन मोबाइल फोन की लोकेशन मिली थी, लेकिन पुलिस का दावा है कि घटनास्थल पर पीडि़ता के साथ सिर्फ रामसेवक ही था? ऐसे में आखिर बाकी दो फोन लोकेशन किसकी थी?

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कहां है मोबाइल फोन

सवाल यह भी पैदा हो रहा है कि अगर मोबाइल को घटना स्थल पर फेंक दिया गया था तो आखिर मोबाइल पुलिस अब तक रिकवर क्यों नहीं कर पायी। यहां तक कि पुलिस ने आस पास की झाडि़यों को ही काट कर मोबाइल ढूंढने की कोशिश्ा की।

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क्या बेटे को बचाने के लिए कबूला जुर्म

रामसेवक की पत्‍‌नी ने पुलिस की कार्रवाई की पोल खोलते हुए बताया कि रामसेवक ने अपने बेटे को बचाने के लिए जुर्म कुबूल किया है। पुलिस ने रामसेवक से जुर्म कुबूल करवाने के लिए ख्0 घंटे थाने में रखा और उसकी खूब पिटाई भी की। पत्नी के मुताबिक इसके बाद भी रामसेवक ने अपनी बेगुनाही बताई तो पुलिस उसके बेटे को उठा लाई। उसने यह भी आरोप लगाया कि रामसेवक के बेटे को पुलिस ने सोमवार शाम तक थाने में बैठाकर रखा था। हो सकता है रामसेवक ने इसी दबाव में जुर्म कुबूला हो जो उसने नहीं किया।