- 38 फीसदी लोगों ने विकास में माना भ्रष्टाचार को रोड़ा

- लोगों ने यहां के हैरिटेज को बताया ताकत

LUCKNOW: स्मार्ट सिटी के तौर पर राजधानी के नागरिक अपने इस ऐतिहासिक शहर को एजुकेशन और आईटी हब के तौर पर देखना चाहते हैं। माय गर्वमेंट पोर्टल पर कराई गए पोलिंग के तहत 64 फीसदी लोगों ने इस वोटिंग में हिस्सा लिया। इस वोटिंग प्रक्रिया में 37 फीसदी लोग इस शहर के ऐतिहासिक विरासत को इसकी ताकत मानते हैं। वहीं 38 फीसदी लोग विकास में भ्रष्टाचार को सबसे बड़ा रोड़ा मान रहे हैं। मंडे को ऑनलाइन पोलिंग के माध्यम से जारी हुए फीडबैक के आंकड़ों में इस बात का खुलासा हुआ है, जिसमें राजधानी के लोगों ने लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अपनी राय रखी हैं। स्मार्ट सिटी प्रपोजल के लिए कराई जा रही पोलिंग में राजधानी के लोगों से स्ट्रेंथ, वीकनेसेज, अपाच्र्युनिटी एंड थ्रेट्स, स्वोट एनालिसिस पर वोटिंग कराई गई थी। मंडे को आखिरी दिन तक आए आंकड़ों में लोगों की वोटिंग से विकास के तौर-तरीकों पर साफ तौर पर बात उभर कर सामने आई है।

64 फीसदी लोगों ने आईटी व एजुकेशन हब के लिए किया वोट

माय गर्वमेंट पोर्टल पर हुए ऑनलाइन वोटिंग में राजधानी के 64 फीसदी लोगों ने इसे आईटी और एजुकेशनल हब बनाने परवोट किया। वहीं 20 फीसदी लोगों ने इसे हेरिटेज सिटी के तौर विकसित करने के लिए अपना मत दिया। साथ ही 59 फीसदी लोगों ने हेरिटेज और हैंडीक्राफ्ट को तरजीह देने की बात की है। इसमें हेरिटेज का हिस्सा 37 फीसदी है। वहीं पोलिंग में लोगों ने गवर्नमेंट ऑफिस में व्याप्त भ्रष्टाचार को बड़ी समस्या बताया हैं। 38 फीसदी लोगों ने इसके लिए वोट दिया हैं। वहीं 21 फीसदी लोग विकास कायरें में बेवजह की नेतागीरी को दिक्कत माना हैं। वहीं 49 फीसदी लोगों ने राजधानी के लिए खराब पब्लिक ट्रांसपोर्ट और सफाई को मुसीबत माना हैं।

वोटिंग में कुछ इस तरह मिली वोट

एरिया फीसदी वोट

एजुकेशन एवं आईटी हब 64

हेरिटेज सिटी 20

ट्रेड एवं कॉमर्स 7

मेडीसिटी 7

राजधानी की सबसे ज्यादा मजबूती

एरिया फीसदी वोट

यहां की हेरिटेज 37

हैंडीक्राफ्ट के चलते 22

शिक्षा सुविधाएं 14

राजधानी होना 13

राजधानी के विकास को इनसे खतरा

एरिया फीसदी वोट

कमजोर ट्रांसपोर्टेशन 25

गंदगी 24

जनसंख्या 22

बेरोजगारी 21

विकास में रोड़ा

एरिया फीसदी वोट

नेतागीरी 21

भ्रष्टाचार 38

जाम 21

प्रदूषण 10

फीडबैक में दसवें स्थान पर राजधानी

राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए शुरू से ही अफसरों की सुस्ती काफी भारी पड़ गई। देर से जागे अफसरों की लाख कोशिशों के बाद भी राजधानी में लोगों का फीडबैक का आकड़ा दस हजार के आस-पास भी नहीं पहुंच सका। ऑनलाइन फीडबैक के आखिरी दिन तक लखनऊ दसवें नंबर पर पहुंच गया। संडे तक राजधानी नवें स्थान पर ट्रेड कर रही थी।

मुख्य सचिव के फटकार के बाद भी नहीं जागे अधिकारी

फीडबैक के मामले में राजधानी शुरुआत से ही काफी पीछे चल रही थी। पिछले सप्ताह डीएम के कमान संभालने से पहले हजार सुझाव भी नहीं थे। मुख्य सचिव की फटकार के बाद अफसरों ने तेजी दिखाई। डीएम ने अधिकारियों की क्लास लगाई तो जाकर इतने फीडबैक जुटाए जा सके। अतना ही अधिकारियों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले राजधानी के लोग स्मार्ट सिटी पर सुझाव देने के लिए 5 मिनट का समय भी नहीं निकाल पाए। इसके चलते रामपुर और मुरादाबाद की जीरो एक्टीविटी के साथ लखनऊ भी फिसड्डियों की लिस्ट में आ गया है। राष्ट्रीय आंकड़ों में लखनऊ की स्थिति टॉप मुश्किल से टॉप 50 के आसपास होगी।

आकड़ों में यह है हाल

सिटी का नाम फीडबैक

इलाहाबाद 163152

अलीगढ़ 134888

झांसी 145704

सहारनपुर 94365

कानपुर 100218

वाराणसी 20576

गाजियाबाद 20620

बरेली 14164

आगरा 14017

लखनऊ 9558

मुरादाबाद 00

रामपुर 00