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- गन चलाना तो दूर, गोली भी लोड न कर सके इंस्पेक्टर, टेस्ट में कई थानाध्यक्ष फेल

- पुलिस लाइन ग्राउंड में दंगा नियंत्रण रिहर्सल में सामने आई पुलिस की 'काबिलियत'

GORAKHPUR: रात के अंधेरे में भी यदि किसी चौक-चौराहे पर पुलिस की मौजूदगी है तो यह निश्चिंतता बनी रहती है कि यहां क्राइम नहीं हो सकता। यदि कुछ हुआ तो पुलिस निपट लेगी। यदि वह सशस्त्र पुलिस है तो भरोसा और बढ़ जाता है लेकिन अपनी सुरक्षा के लिए जिन पुलिस वालों पर पब्लिक भरोसा कर रही है, उन्हें खुद अपने आप पर भरोसा नहीं है। वे हथियार तो रखते हैं लेकिन उसे चलाना नहीं जानते। जी हां, बुधवार को पुलिस लाइन ग्राउंड में राइट कंट्रोल रिहर्सल में कई थानेदार बंदूक चलाना तो दूर, गोली तक नहीं लोड कर सके। गोली चलाने की बात कहने पर इंस्पेक्टर लेवल के पुलिस अधिकारी बंगले झांकने लग जा रहे थे।

कराया गया मॉक ड्रिल

लखनऊ में आतंकवादी घटना और त्योहारों पर सुरक्षा इंतजाम को दुरुस्त करने के लिहाज से एसएसपी रामलाल वर्मा के निर्देश पर पुलिस लाइन परेड ग्राउंड पर बुधवार को 9 बजे से मॉक ड्रिल करवाया गया। इस दौरान सभी थाना प्रभारी को दंगा नियंत्रण के उपकरण चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। कई थानेदार बंदूक में गोली नहीं लोड कर पा रहे थे तो वहीं कई चला नहीं पा रहे थे। इस पर एसएसपी ने उन्हें फटकार लगाई और सुधर जाने की नसीहत दी।

यह नहीं कर सके थानेदार

एक-एक कर सभी थानेदारों से बंदूक तोड़ने और गोली लोड करने व चलाने के लिए कहा जा रहा था। इसी बीच तिवारीपुर इंस्पेक्टर को गन चलाने ओर गोली लोड करने के लिए बुलाया गया लेकिन वह प्रशिक्षण में फेल हो गए। इस पर एसएसपी राम लाल वर्मा ने नाराजगी जाहिर करते हुए फटकार लगाई और लाइन हाजिर करने की चेतावनी दी। कहा कि सारी ट्रेनिंग पूरी होनी चाहिए यदि दोबारा ऐसा हुआ तो माफ नहीं किया जाएगा। और भी कई पुलिस कर्मी इस ट्रेनिंग में फेल हो गए लेकिन उन्हें सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।

यह सिखाया गया

- गन को तोड़ना

- गोली लोड करना

- आंसू गैस के गोले दागना

- दंगा और आग पर नियंत्रण पाना

- आग से घिरे लोगों की जान बचाना

- दंगे में घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाना

वर्जन

मॉक ड्रिल के दौरान सभी थानेदार व पुलिस कर्मियों को दंगा नियंत्रण के उपकरण चलाने के बारे में जानकारी दी गई। जो नहीं चला पा रहे थे उन्हें प्रशिक्षण दिया गया।

हेमराज मीणा, एसपी सिटी