GORAKHPUR: वार्ड 15 गोपलापुर की तस्वीर में विकास कहीं भी नजर नहीं आता। खराब सड़कों से लेकर बदहाल जल निकासी व्यवस्था यहां की आम परेशानी बन चुके हैं। पेयजल का अभाव भी वार्ड के लोगों को तरसाता आ रहा है। वहीं, मोहल्लों में डेरा जमाए रहने वाले छुट्टा पशुओं की तादाद इतनी कि इनके बीच से आना-जाना खतरे से खेलने के बराबर है।
वार्ड नंबर 15
गोपलापुर
जनसंख्या - 23,335
वोटर्स - 12176
मेल वोटर्स- 6690
फीमेल वोटर्स- 5486
मोहल्ले
गोपलापुर खास
फड़सरिया
रामगढ़
सोरहिया
श्रीरामपुरम कॉलोनी
माधवपुर कॉलोनी
जलवनिया
मोहद्दीपुर
पब्लिक डिमांड
- रामगढ़ झील की वजह से वार्ड दो टुकड़ों में बंटा है। आबादी के हिसाब से इसे एक हिस्से में पूरी तरह से समाहित किया जाए।
- वार्ड में वाटर लॉगिंग की प्रॉब्लम बनी रहती है। पानी की निकासी के लिए कोई ठोस इंतजाम किया जाए।
- वार्ड की सड़कों और नालियों की मरम्मत में लापरवाही की जाती है। निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ कराया जाए।
- गलियों में सफाई नहीं हो पाती है। गलियों में साफ-सफाई का इंतजाम दुरुस्त कराया जाना जरूरी है।
- पीने के पानी की सप्लाई नहीं होती है। पाइप लाइन से पीने के पानी का इंतजाम पूरे इलाके में होना चाहिए।
- मोहल्ले में सफाई हो जाती है लेकिन फॉगिंग नहीं कराई जाती। इस लिए रोस्टर के अनुसार फॉगिंग भी कराई जाए।
वार्ड बोलता है
बरसात में हालत बदतर रहती है। जाड़े और गर्मी के मौसम में भी इस आफत से राहत नहीं मिलती। मोहल्लों में खाली पड़ी जगहों पर पानी जमा रहता है। नालियों का पानी खाली पड़े प्लॉट्स में बहकर इकट्ठा होता है। हम लोग कई बार शिकायत कर चुके हैं। लेकिन इस समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा।
- राधेश्याम, प्रोफेशनल
पानी की निकासी न होने से बीमारियों का खतरा बना रहता है। पानी जमा होने से मच्छरों से निजात नहीं मिल पा रही। मच्छरों की वजह से मलेरिया, डेंगू सहित बीमारियों से लोग परेशान रहते हैं। पुराने मोहल्ले में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ती की जाती है।
- ओम प्रकाश पासवान, बिजनेसमैन
मोहल्ले में वाटर सप्लाई नहीं होती है। पाइप लाइन तो बिछाई गई है, लेकिन टोटियों से कभी पानी नहीं मिल सका। जगह-जगह पाइप लाइन ध्वस्त होने और मरम्मत में लापरवाही से यह समस्या बनी है। कई बार शिकायत दर्ज कराई गई। लेकिन किसी ने इस समस्या को दूर करने का कोई प्रयास नहीं किया।
- शिखा श्रीवास्तव, मैनेजिंग डाइरेक्टर
मोहल्लों के भीतर कुत्तों और छुट्टा पशुओं का बसेरा हो गया है। रात में कुत्तों के काटने का डर बना रहता है तो दिन में सांड़, गाय और बैल लड़ते-भिड़ते रहते हैं। छुट्टा पशुओं की पशुओं की वजह से कॉलोनी में खड़ी कार और बाइक क्षतिग्रस्त हो जाती है। लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।
- अरुण कुमार, बिजनेसमैन
रात में ज्यादातर स्ट्रीट लाइट्स नहीं जलती हैं। दो फाड़ में बंटे वार्ड को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाता। कॉलोनी की सोसायटी अपनी ओर से सुविधाओं की पहल करती है। सफाई करने वाले कर्मचारी सिर्फ घरों से कूड़ा ले जा रहे हैं। सड़कों पर बिखरा कूड़ा उठाने में ना-नुकुर करते हैं।
अंबुज पांडेय, स्टूडेंट
सड़क
4/10
वार्ड में सड़क की हालत कुछ जगहों पर ठीक मिली तो कुछ जगहों पर काफी खराब है। गोपलापुर खास और मोहद्दीपुर की गलियों में सड़कें काफी खराब हालत में हैं। यहां तक सर्किट हाउस के पीछे कॉलोनी में भी सड़कें ठीक नहीं है। वीआईपी इलाकों में शुमार गोपलापुर का आधा एरिया सर्किट हाउस के पीछे लगता है। इस मोहल्ले में भी सड़कों की दशा देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोई जिम्मेदार इसको लेकर गंभीर नहीं है। पब्लिक का कहना है कि कॉलोनियों और मोहल्लों के बीच में फंसकर समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा।
वाटर लॉगिंग
3/10
मोहल्ले में जल निकासी का कोई इंतजाम नहीं है। लोगों के घरों का पानी सड़क से लेकर खाली पड़े प्लॉट्स में भरता है। बारिश में ज्यादातर सड़कें पानी से लबालब हो जाती हैं। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि अभी तो तमाम खाली जगहें हैं जहां पानी जमा हो जा रहा। लेकिन जब मकान बनेंगे तो पानी कहां जाएगा। पानी बरसने पर लोग पंपिंग सेट चलाकर जल निकासी करते हैं। नगर निगम के जिम्मेदार झांकने तक नहीं जाते। इसको लेकर पब्लिक में काफी नाराजगी है।
नाली
4/10
वार्ड के मोहल्लों में ज्यादातर नालियां टूटी हैं। टूटी नालियों का पानी इधर-उधर सड़कों पर बहता है। सफाई के अभाव में कई जगहों पर पानी सड़क पर पसरा मिलेगा। इस मौसम में भी लोगों को सड़क पर पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। नालियां कचरा और पॉलीथिन से पटे होने से चोक हो चुकी हैं। सफाई कर्मचारी सड़क पर झाड़ू लगाकर चले जाते हैं। नालियों की सफाई गिने-चुने मौकों पर की जाती है। किसी के घर में कोई फंक्शन होने पर लोग सफाई कर्मचारियों को बुलाकर व्यवस्था करते हैं।
छुट्टा पशु
3/10
वार्ड में छुट्टा पशुओं की भरमार है। हर गली और सड़क पर गाय, बैल और सांड़ घूमते रहते हैं। दिन में सांड़ों का खतरा रहता है तो रात में कुत्ते राह चलना दुश्वार कर देते हैं। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि रोजाना कोई न कोई बाइक सवार कुत्तों के चलते घायल हो जाता है। अक्टूबर माह में कुत्तों के काटने से पांच लोग घायल हो चुके हैं। दो दिन पहले श्रीरामपुरम मोहल्ले में रिश्तेदार के घर जा रहे कुशीनगर निवासी वीर सिंह को सांड़ ने दौड़ लिया था।
स्ट्रीट लाइट्स
4ब्/10
मोहल्ले में लाइट्स की व्यवस्था ठीक नहीं है। कुछ कॉलोनियों के अलावा ज्यादातर जगहों पर रात में अंधेरा पसरा रहता है। तारों के जाल के बीच फंसे स्ट्रीट लाइट्स के फ्यूज होने पर कोई ध्यान नहीं देता है। बिजली के पुराने खंभे और जर्जर तारों से स्पार्किंग होती रहती है। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि नई कॉलोनियों में व्यवस्था दुरुस्त कराई गई। लेकिन गोपलापुर खास में यह समस्या बनी रही। लोहे के पुराने खंभे आंधी में डराते हैं। उनके ढहने का खतरा भी रहता है।