-डॉ। लाल जी सिंह ने दी मानव उत्पत्ति के बारे भारत के महत्व की जानकारी

-सीमैप में सीएसआईआर स्थापना दिवस समारोह का आयोजन

LUCKNOW:

सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) की ओर से सीएसआईआर के 75वें स्थापना दिवस के अवसर पर मंगलवार को सीमैप हर्बल कफ सीरप लांच की गई। इस कफ सीरप से साइड इफेक्ट तो नहीं होगा, लेकिन कफ आसानी से गायब हो जाएगा। इस अवसर पर में विद्यार्थियों, किसानों सहित आम जनता के लिए सुबह 9.30 से दोपहर 12.30 तक स्टूडेंट्स व अन्य लोगों के लिए खुला रहा। इस दौरान 400 से अधिक स्टूडेंट्स ने संस्थान में प्लांट टिश्यू कल्चर लैब, इक्सप्रेशन, केमिकल इंजीनियरिंग लैब, फार्म, मानव उपवन, स्वास्थ्य वाटिका का भ्रमण किया और सीमैप की गतिविधियों के बारे में जाना।

भारत से मिली दुनिया को सीख

कार्यक्रम में निदेशक अनिल कुमार त्रिपाठी ने मुख्य अतिथि व सीसीएमबी के पूर्व निदेशक, बीएचयू के पूर्व वीसी पद्मश्री डॉ। लालजी सिंह का स्वागत किया। भारत में डीएनए फिंगर प्रिंटिंग के जनक डॉ। लालजी सिंह ने जैव विविधता एवं जन मानस का स्वास्थ्य' विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। डॉ। लालजी सिंह ने अपने व्याख्यान में वैज्ञानिक तत्थों केआधार पर बताया कि मानव की उत्पत्ति किस प्रकार हुई और में भारतवर्ष का क्या महत्व रहा। बताया कि भारत में पायी जाने वाली मानव जैव विविधता से वैज्ञानिक आधार पर साबित हुआ है कि पृथ्वी पर मानव सभ्यता की उत्पत्ति अफ्रीकी महाद्वीप में हुई और भारतवर्ष से यह पूरी दुनिया में फैला।

लांच किया कफ सीरप

कार्यक्रम में सीमैप द्वारा विकसित एवं परीक्षणों पर खरी उतरी आयुर्वेदिक सिद्धान्तों पर आधारित, सीमैप हर्बल कफ सीरप का विमोचन किया गया। यह कफ सीरप मुख्यत: एलर्जिक कफ की रोकथाम में कारगर है। इस हर्बल उत्पाद के विकास में डॉ। दयानंदन मणि, डॉ। एके शासनी एवं टीम ने किया है। इस दौरान सीमैप द्वारा विकसित आर्टीमिसिया की उन्नत किस्म सिम संजीवनी की तकनीकी इपका लैबोरेट्री, रतलाम (मप्र) को हस्तांतरित की गयी। कार्यक्रम में संस्थान की 25 वर्ष तक सेवा करने वाले सुरेन्द्र नाथ, विनोद कुमार, के भाष्करन, डॉ। सौदान सिंह व वीकेएस तोमर को सम्मानित किया गया।