इससे पहले उन्होंने 2012 में भी ये ख़िताब अपने नाम किया था जबकि पिछले साल वो फाइनल में पराजित हुई थीं.

इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि रोला गैरां की लाल बजरी पर मारिया शारापोवा का जादू ख़ूब चलता है.

इस टूर्नामेंट में उन्हें सातवीं वरीयता दी गई थी, जबकि हालेप को चौथी वरीयता मिली थी.

अपने अनुभव के दम पर शारापोवा ने युवा जोश को मात दी. पहले सेट में शारापोवा ने 6-4 से जीत हासिल की लेकिन दूसरे सेट में सिमोना हालेप ने ज़बरदस्त वापसी की और 7-6 से सेट अपने नाम करते हुए स्कोर को 1-1 से बराबर कर दिया.

तीसरे और अंतिम सेट में शारापोवा ने अपनी सर्विस तो बरकरार रखी ही, साथ ही दो बार हालेप की सर्विस ब्रेक करते हुए चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया.

यादगार ग्रैंड स्लैम

वैसे इस टूर्नामेंट में महिला एकल वर्ग में शुरू से ही कई बड़े उलटफेर देखने को मिले जब दूसरी वरीयता हासिल चीन की ली ना पहले ही दौर में हारकर बाहर हो गईं.

वहीं गत चैंपियन और इस बार शीर्ष वरीयता के साथ फ्रेंच ओपन में खेलने उतरीं अमरीका की सेरेना विलियम्स दूसरे दौर में हार कर बाहर हो गईं.

दूसरी तरफ़ रोमानिया की सिमोना हालेप भले ही फाइनल में हार गईं लेकिन यह ग्रैंड स्लैम उनकी ज़िंदगी में यादगार बन गया.

इससे पहले हालेप 2011 में फ्रेंच ओपन के पहले ही दौर में हार कर बाहर हुई थीं जबकि 2012 में भी उनका सफ़र दूर तक नहीं चला और वो दूसरे दौर में हार कर बाहर हुई तो पिछले साल भी वो एकल वर्ग में पहले ही दौर में हार कर बाहर हो गई थीं.

फ्रेंच ओपन टूर्नामेंट में रविवार को पुरूषों के एकल वर्ग में शीर्ष वरीयता हासिल स्पेन के रफ़ेल नडाल का सामना दूसरी वरीयता हासिल सर्बिया के नोवाक जोकोविच से होगा.

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