- सर्राफा व्यवसायी त्योहार के इस मौके को कैश कराने के लिए पूरी तरह तैयार

- बैंकों के कम्प्रीजन में सर्राफा व्यापारियों ने सिक्कों के रेट कम रखे हैं

LUCKNOW: गोल्डन क्वाइन की चमक से बाजार में रंगत बरकरार है। प्राइज वार छिड़ा है। कॉम्पटीशन का दौर है और सर्राफा व्यवसायी त्योहार के इस मौके को कैश कराने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। खास बात यह है कि बैंकों के कम्प्रीजन में सर्राफा व्यापारियों ने सिक्कों के रेट कम रखे हैं।

बैंकों के रेट ज्यादा

दीपावली पर सोने के सिक्कों की विशेष मांग को देखते हुए बैंक मुनाफा कमाने के लिए तैयार हैं। ब्रांड के नाम पर बैंक अपने ग्राहकों से सोने के सिक्के की कीमत बाजार भाव से क्0-क्ख् फीसदी ज्यादा ले रहे हैं। सराफा बाजार के मुकाबले ब्रांडेड ज्वैलर्स शुद्ध सोने के सिक्कों (999-ख्ब् कैरेट) की बिक्री भ् से क्ख्.भ् फीसदी ज्यादा दाम पर कर रहे हैं़। चौक स्थित ब्रजवासी बुलियन एंड ज्वेलर्स के पंकज अग्रवाल बताते हैं कि उनके यहां ख्ब् कैरेट सोने के क्0 ग्राम के सिक्के का भाव ख्8भ्00 रुपये रहा। यह रेट सोने के भाव के हिसाब से ऊपर-नीचे होते रहते हैं। हालांकि उनके यह भाव बैंकों के मुकाबले कम रहते हैं। इसी तरह एक ग्राम का सिक्का ख्97भ् रुपए, ख् ग्राम का सिक्का भ्8भ्0 रुपए, भ् ग्राम का सिक्का क्ब्फ्7भ् रुपए, क्0 ग्राम का सिक्का ख्8भ्00 रुपए है। बैंकों की तुलना में उनके रेट जरूर कम हैं लेकिन क्वालिटी कहीं से कमजोर नहीं है।

बढ़ जाती है बैंक की लागत

इस समय बैंकों में गोल्ड के सिक्कों का स्टॉक कम ही है। केवल कुछ ब्रांच में ही सिक्के उपलब्ध हैं। एसबीआई के आलोक चन्द्रा ने बताया कि ख् ग्राम का सिक्का भ्900 रुपए, ब् ग्राम का सिक्का क्क्70भ् रुपए, भ् ग्राम का सिक्का क्ब्भ्87 रुपए, 8 ग्राम का सिक्का ख्फ्फ्ब्7 रुपए, क्0 ग्राम का सिक्का ख्9क्ब्0 रुपए, ख्0 ग्राम का सिक्का भ्80फ्म् रुपए, भ्0 ग्राम का सिक्का क्ब्ब्ब्फ्भ् रुपए, क्00 ग्राम का सिक्का ख्879ख्ख् रुपए में है। बैंकों के अनुसार कीमतों में अंतर होने की प्रमुख वजह सोने के सिक्कों का स्विजरलैंड से आयात किया जाना और उनका टेंपर प्रूफ होने की वजह सिक्कों की शुद्धता ज्यादा होना है, जिससे लागत बढ़ जाती है़।

हर ज्वेलर्स अपने हिसाब से तय करता है भाव

सर्राफा एसोसिएशन के महामंत्री विनोद माहेश्वरी ने बताया कि सोने की कीमतों पर सरकार का कोई नियंत्रण ना होने के कारण हर ज्वैलर्स अपने तरीके से भाव तय कर लेता है़। ज्वैलर्स तो सिक्कों की बिक्री करने के साथ उसे खरीद भी लेते हैं, लेकिन बैंक केवल बिक्री करते हैं़।

मिलावट भी हो रही है

इस प्राइवजवार में मिलावटखोर सक्रिय हैं। मिलावटी सिक्कों की खेप मार्केट में है। जिसकी वजह से असली सिक्कों की बिक्री करने वाले कारोबारियों की दिक्कत बढ़ गई है। असली चांदी का क्0 ग्राम वजन का सिक्का भ्00 रुपये का है। डॉलर वाला सिक्का भ्भ्0 रुपए में है। फ्रेमिंग वाला सिक्का ख्भ्0 रुपए से भ्00 रुपए तक हैं। पुराना सिक्का 900 रुपए में और जार्ज का डुप्लीकेट सिक्का 700 रुपए में मिल रहा है। थोक में सिक्कों की खरीदारी करने वाले यह समझकर मिलावटी सिक्का खरीद लेते हैं कि शायद अधिक सिक्कों की खरीद की वजह से सस्ता दिया हो। वही कुछ दिन बाद ही काला पड़ जाता है। मिलावटी सिक्के में चांदी की मात्रा ब्0 प्रतिशत होती है। म्0 प्रतिशत उसमें गिल्ट होती है। मिलावटी सिक्का एक माह के अंदर काला पड़ जाता है।

चांदी के सिक्कों में कैसे होती है मिलावट

चांदी में गिल्ट की मिलावट कर सिक्के तैयार किए जाते हैं। गिल्ट चांदी जैसी दिखाई देने वाली धातु होती है। यह ख्00 रुपये किलो में मिलती है। साधारण व्यक्ति को इसकी पहचान नहीं होती। साथ ही इसकी मिलावट चांदी में आसानी से हो जाती है। काफी दिनों तक रखा रहने पर काला पड़ जाता है। तभी पता चलता है कि सिक्का मिलावटी है।

विश्वसनीय शॉप से खरीदें सिक्के

ज्वेल पैलेस के अजय अग्रवाल बताते हैं कि कि मिलावटी चांदी के सिक्के की पहचान करना कस्टमर के लिए आसान नहीं है। खरीदार को सिक्के के काला पड़ने के बाद ही पहचान होती है। इसलिए चांदी के सिक्कों की खरीदारी विश्वसनीय शॉप से ही करें। साथ ही दुकानदार से बिल लें। ताकिे सिक्का मिलवाटी होने पर दुकानदार को वापस किया जा सकें।