पहले ही प्रयास में सफलता पाने वाला भारत बना दुनिया का पहला देश
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पहले से ही यान में कमांड अपलोड कर दिए थे, जिससे वह खुद ही कक्षा में प्रवेश कर गया. मिशन मंगल के कामयाब हो जाने से भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला एशिया का पहला देश बन गया. पहले ही प्रयास में सफलता पाने वाला भारत दुनिया का पहला देश है.

सुबह 4:17 बजे से ही शुरू हो गई थी प्रक्रिया
यान को कक्षा में स्थापित करने की प्रक्रिया सुबह 4:17 बजे शुरू हुई. 7.17 बजे 440 न्यूटन की लिक्विड अपोजी मोटर और आठ छोटे तरल इंजन 24 मिनट के लिए स्टार्ट हुआ. यह यान की गति को 22.1 किमी प्रति सेकंड से कम कर 4.4 किमी प्रति सेकेंड किया गया था, जिससे यान मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर गया. 249.5 किलो ईधन का इस्तेमाल हुआ. सुबह 7:58 पर प्रक्रिया पूरी हो गई. मिशन पूरा होने की पुष्टि सुबह 8:01 बजे हुई. इसरो ने सोमवार को यान का इंजन चार सेकंड के लिए स्टार्ट किया था, जो पूरी तरह सफल रहा. इसके द्वारा यान का परिपथ भी ठीक किया गया था.

PM पहुंचे हौंसला अफजाई के लिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ऐतिहासिक मौके पर बेंगलुरु के इसरो सेंटर पहुंचकर वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ा रहे हैं. यहां पहुंचकर प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले ही प्रयास में हमारे वैज्ञानिकों ने सफलता पाई है. आज इतिहास रचा गया. साधन बहुत कम और अनेक मुश्किलें, इसके बावजूद इतनी बड़ी सफलता. इस सफलता के असली हकदार देश के वैज्ञानिक हैं. मंगल हमसे करीब 650 मिलियन किलोमीटर दूर है, इतना लंबा सफर. जिस धैर्य के साथ ऐसा हो पाया वो सराहनीय है. इस सफलता के साथ ISRO दुनिया की तीन और एजेंसियों की बराबरी पर आ गई.

congratulations : मंगल पर पहुंचकर भारत ने अंतरिक्ष में लिखा इतिहास

'आज MOM का हुआ मंगल से मिलन'
मिशन की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आज MOM का मंगल से मिलन हो गया. आज मंगल को मॉम मिल गई. उन्होंने कहा कि उन्हें पहले से भरोसा था कि ISRO का मिशन सफल होगा. भारत सफलतापूर्वक मंगल ग्रह तक पहुंच गया. इस मौके पर उन्होंने कहा, 'आप सभी वैज्ञानिकों को बधाई, भारतवासियों को भी बधाई.'

'काम मंगल, इरादे मंगल और यात्रा भी मंगल'
नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब काम मंगल होता है, इरादे मंगल होते हैं, तो मंगल की यात्रा भी मंगल ही होती है. उन्होंने कहा कि अब ये कोई सपना नहीं, बल्कि तकनीकि गणित के आधार पर 100 फीसदी कामयाबी का भरोसा है. जिस कामयाबी के साथ यान ने मंगल तक की 99 फीसदी यात्रा पूरी की है. इसरो वैज्ञानिकों के हौसले बुलंद है. अगर सब सफल रहा तो बुधवार दोपहर तक मंगल से पहली तस्वीर भी सामने आएगी.

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