चौराहे पाकिस्तान का झंडा फूंककर जताया विरोध

क्षेत्र में पसरा रहा मातम, घरों में नहीं जले चूल्हे

GORAKHPUR: श्रीनगर में आतंकियों के हमले में शहीद हुए साहब शुक्ला को अंतिम सलामी देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। सोमवार को जिला अस्पताल की मर्चरी से तिरंगे में लिपटा शहीद का शव रवाना हुआ तो रास्ते में उनके दर्शन के लिए तांता लगा रहा। कसिहार चौराहे पर जमा भीड़ ने पाकिस्तान का झंडा फूंककर अपने गुस्से का इजहार किया। साहब की शहादत पर गर्व करते हुए लोगों ने देखो-देखो कौन आया, भारत माता का शेर आया के नारे लगाकर लाल का अभिनंदन किया।

शहीद की शवयात्रा में करीब पांच किलोमीटर तक लोगों का तांता लगा रहा। सेना, पुलिस-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किया। सीआरपीएफ और पुलिस जवानों के मातमी धुन पर फायरिंग कर शहीद को अंतिम विदाई दी गई। प्रदेश सरकार के सिंचाई मंत्री, गोरखपुर के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने शहीद की पत्नी शुभा शुक्ला को सहायता राशि का चेक दिया। क्षेत्रीय विधायक डॉ। विमलेश पासवान आदि मौजूद थे।

जब तक सूरज चांद रहेगा, साहब तेरा नाम रहेगा

शनिवार को श्रीनगर में आतंकियों के हमले में सीआरपीएफ के सब इंस्पेटर साहब शुक्ला शहीद हो गए थे। रविवार देर शाम हेलीकाप्टर से उनका पार्थिव शरीर गोरखपुर लाया गया। रात होने की वजह शव को जिला अस्पताल की मर्चरी में रखवा दिया। सोमवार सुबह उनके पैतृक गांव कनईल मझगांवा के पास राप्ती नदी के तट पर अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू हो गई। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही क्षेत्र में लोगों का जमावड़ा होने लगा था। जिला अस्पताल की मर्चरी से शहीद का साहब शुक्ला का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर सेना के वाहन से 11 बजे बेलीपार, कसिहार चौराहे पर ले जाया गया। छतों पर मौजूद महिलाओं और बच्चों शहीद के पार्थिव शरीर पर फूल भी बरसाए।

गर्व के साथ दिखा लोगों का गुस्सा

शहीद को अंतिम सलामी देने के लिए चौराहे से लेकर गांव तक करीब पांच किलोमीटर तक पब्लिक का तांता लगा रहा। पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा दिखाते हुए युवकों ने कसिहार चौराहे पर पाकिस्तान का झंडा जलाया। पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग उठाई। पाकिस्तान मुर्दाबाद कहते हुए साहब शुक्ला जिंदाबाद और जब सूरज चांद रहेगा साहब तेरा नाम रहेगा के नारे लगाए। शहीद का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा तो पत्‍‌नी और बच्चे दहाड़मार रोने लगे। उनकी पत्‍‌नी बार-बार शव से लिपट जा रही थीं। महिलाओं और बच्चों के रोने-बिलखने से सेना-पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों की आंखों में आंसू आ गए। बमुश्किल महिलाओं और बच्चों को संभालकर लोग पार्थिव शरीर को कंधा देते हुए घाट पर पहुंचे। सैनिक सम्मान के बाद शहीद की चिता को बड़े बेटे सौरभ ने मुखाग्नि दी। इस दौरान सेना के अफसर, पुलिस-प्रशासन के अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

चौराहों पर बंद रही दुकानें, नहीं जले चूल्हे

शहीद साहब शुक्ला की शहादत पर पूरे इलाके को गर्व हो रहा है। सोमवार को पूरे च्वार में मातम पसरा रहा। क्षेत्र के तमाम घरों में सुबह चूल्हा नहीं जला। लोग सुबह शहीद के अंतिम दर्शन के लिए सड़क पर आ गए थे। शव यात्रा निकलने पर चौराहे की दुकानें भी बंद रहीं। अंतिम संस्कार में पहुंचे प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने परिजनों से मिलकर उनको ढांढस बधाया। शहीद की पत्‍‌नी शुभा शुक्ला ने गांव में रास्ता बनवाने की बात कही। प्रभारी मंत्री ने आश्वस्त किया कि गांव में रास्ता बनवाया जाएगा। सरकार की ओर परिवार की हर संभव सहायता की जाएगी। आर्थिक सहायता का चेक भी प्रभारी मंत्री ने शुभा को सौंपा। इस दौरान विधायक, भाजपा के नेता, पदाधिकारी भी मौजूद रहे।