-जीपीएस आधारित सेटेलाइट इमेजरी से होगा सर्वे

-अमृत योजना के अलावा करीब 500 किमी का सर्वे कराएगा एमडीए

Meerut : 4 करोड़ रुपये खर्च कर 2021 तक मेरठ विकास प्राधिकरण आगामी 10 सालों के लिए रिवाइज मास्टर प्लान बनवा रहा है। नोडल विभाग नगर एवं ग्राम्य योजन विभाग द्वारा एमडीए सीमाक्षेत्र में 500 वर्ग किमी दायरे का मास्टर प्लान अमृत योजना के तहत बनाया जाएगा जबकि अतिरिक्त 500 वर्ग किमी दायरे का मास्टर प्लान एमडीए अपने बजट से बनवाएगा। शासन स्तर पर नेशनल रिमोट सेंसिंग एजेंसी को जीपीएस बेस्ड सेटेलाइट इमेजरी सर्वे का कार्य सौंपा गया है।

तैयार हो रहा खाका

चीफ टाउन प्लानर जेएन रेड्डी ने बताया कि सूबे के मेरठ समेत 60 शहरों में समग्र विकास का खाका केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत किया जा रहा है। बात करें मेरठ की तो मास्टर प्लान-2031 का इस स्कीम के तहत निर्माण किया जा रहा है। नोडल एजेंसी नगर एवं ग्राम्य विकास विभाग का आवास एवं शहरी नियोजन विभाग है। सीटीपी ने बताया कि 500 वर्ग किमी क्षेत्रफल को विस्तारीकरण के बाद एमडीए सीमा में जोड़ा गया है। हस्तिनापुर, सरधना समेत ग्रामीण क्षेत्र अब एमडीए की सीमा में शामिल हो गया है तो वहीं दौराला महायोजना के लिए भी अब अलग से प्लान नहीं बनेगा। यहां सनद हो कि विकास प्राधिकरण का सीमा क्षेत्रफल अब करीब 1000 वर्ग किमी हो गया है।

मिलजुल बनाएंगे मास्टर प्लान

सीटीपी ने कहा कि शासन के निर्देश पर 500 वर्ग किमी क्षेत्रफल का रिवाइज मास्टर प्लान अमृत योजना के तहत बनेगा जबकि बचा 500 वर्ग किमी का मास्टर प्लान के लिए एमडीए को फंडिंग करनी होगी। कम से कम आगामी 10 सालों के लिए प्रस्तावित मास्टर प्लान को 2021 तक कार्यदायी संस्था बनाकर देगी। सीटीपी ने बताया कि प्राधिकरण इस कार्य के लिए करीब 4 करोड़ रुपये खर्च करेगा। विभिन्न प्रक्रियाएं आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की निगरानी में संपन्न हो रही हैं।

होली सिटी बनेगा हस्तिनापुर

सीटीपी ने बताया कि हस्तिनापुर को होली सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा। महाभारत सर्किट से जोड़ते हुए हस्तिनापुर में स्थित महाभारत कालीन स्थलों और जैन मंदिरों के आसपास व‌र्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेप किया जाएगा तो वहीं सरधना-परीक्षितगढ़ को भी मास्टर प्लान में होली प्लेस के तौर पर विकसित किया जाएगा। आउटर रिंग रोड को मास्टर प्लान में शहर के बाहरी हिस्सों से जोड़ते हुए बनाया जाएगा।

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एमडीए सीमा अंतर्गत करीब एक हजार वर्ग किमी क्षेत्रफल का मास्टर प्लान शासन के निर्देश पर बनाया जा रहा है। केंद्र सरकार की अमृत योजना और एमडीए रिवाइज मास्टर प्लान के लिए फंड का बंदोबस्त करेंगे। यह जीपीएस बेस्ड होगा।

-जेएन रेड्डी, सीटीपी, एमडीए