ये है मामला
कुल मिलाकर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर केजरीवाल सरकार एफआईआर दर्ज करवाने की तैयारी में है। उनपर दिल्ली जल बोर्ड में हुए टैंकर घोटाले का आरोप लगाया गया है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल सरकार इस पूरे मामले में केस दर्ज करवाने वाली है। अब देखना ये है कि क्या वाकई शीला दीक्षित की मुश्किलें बढ़ती है या इस बार भी वो बचकर सुरक्षित निकल जाती हैं।

सरकार ने किया था जांच कमेटी का गठन
इस पूरे मामले में सरकार की ओर से एक जांच कमेटी का गठन किया गया था। उसके बाद कमेटी ने रिपोर्ट बनाकर अब फाइनली कानून मंत्री को सौंप दी है। गौरतलब है कि 2012-13 में दिल्ली जल बोर्ड ने 3 कंपनियों को 385 टैंकरों का ठेका दिया था। इसको लेकर आरोप लगाया गया है कि इस काम को कुल 200 करोड़ में पूरा किया जा सकता था।

600 करोड़ रुपये में दिया ठेका  
इसके बावजूद शीला सरकार ने यह ठेका 600 करोड़ रुपये में दिया। ऐसे में इस बात का साफ अरोप सिद्ध होता है कि इस पूरे मामले में 400 करोड़ रुपये की घोटालेबाजी हुई है। अब इस घोटालेबाजी का जवाब शीला सरकार को देना होगा। प्रत्यक्ष प्रमाण न दे पाने पर उन्हें जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है। इसके मद्देनजर अब देखना ये है कि शीला दीक्षित के हिस्से में चैन आता है या सजा।

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