जाम, वाटरलॉगिंग, नो पार्किग का है माया बाजार

-गुलजार हो बाजार

GORAKHPUR:

मैं हूं सिटी की बड़ी मार्केट में से एक माया बाजार। जहां न सिर्फ इलेक्ट्रानिक में थोक का व्यापार होता है बल्कि साइकिल, चश्मा, घड़ी के अलावा कपड़ा बल्कि खास तौर पर दुपट्टे का बड़े लेवल पर बिजनेस होता है। इस मार्केट में डेली करीब 8 हजार से अधिक व्यापारी सामान खरीदने आते हैं। मतलब माया बाजार का सामान सिर्फ गोरखपुर नहीं बल्कि आसपास के जिलों के साथ नेपाल और बिहार तक नजर आता है। मगर मेरी हालत पर किसी को तरस नहीं आता। नगर निगम और प्रशासन की अनदेखी की वजह से पूरी मार्केट सिर्फ समस्याओं से जूझ रही है। पार्किग नहीं होने से रोड पर गाड़ी खड़ी करना व्यापारियों की मजबूरी है। वहीं पुलिस विभाग भी अधिक भीड़ के कारण वहां से कटा रहता है। इसके चलते मार्केट में गाडि़यां चोरी होने की घटनाएं भी अधिक होती हैं।

प्रॉब्लम्स

-मार्केट की सबसे बड़ी प्रॉब्लम जाम है।

-बारिश में होने वाली वाटरलॉगिंग न सिर्फ बिजनेस इफेक्ट करती है बल्कि व्यापारियों को बीमार भी बनाती है।

-पूरी मार्केट में कहीं भी पार्किग की व्यवस्था नहीं है।

-पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है।

-मार्केट में पब्लिक टॉयलेट की कोई व्यवस्था नहीं है।

-रोड की हालत खराब है, जिससे अक्सर लोग गिर कर घायल हो जाते हैं।

फैक्ट फाइल

नाम - माया बाजार

मार्केट - इलेक्ट्रानिक, घड़ी, साइकिल, चश्मा, दुपट्टा और कपड़ा।

शॉप - करीब 600 से अधिक

डेली बिजनेस - करीब 60 लाख रुपए

टोटल टर्नअप पीपुल - करीब 8 हजार व्यापारी

यहां से आते हैं लोग - बिहार, नेपाल, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर।

कहां तक है सीमा -

सॉल्यूशन

-यहां पार्किग की फैसल्टी प्रोवाइड कराई जाए, तो काफी हद तक जाम से छुटकारा मिल सकता है।

-नगर निगम रेगुलर सफाई कराएं तो वाटरलॉगिंग की प्रॉब्लम कम हो सकती है।

-रोड की रिपेयरिंग जरूरी है।

-वाटरलॉगिंग प्रॉब्लम को खत्म करने के लिए प्लानिंग जरूरी है।

वर्जन-

माया बाजार सिटी की बड़ी मार्केट में से एक है। यह साइकिल और इलेक्ट्रानिक की बड़ी मार्केट है। मगर सुविधा कुछ भी नहीं है। वाटरलॉगिंग के साथ जाम की बहुत बड़ी समस्या है।

रोहन, व्यापारी

मार्केट में बारिश के दिनों में आना मुश्किल हो जाता है। आधे घंटे की बारिश के चलते तीन से चार घंटे तक वाटरलॉगिंग की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में मार्केट में लंबा जाम लग जाता है। इस गंदे पानी में चलने से व्यापारियों को कई तरह की बीमारियां भी हो रही है।

कैलाश, व्यापारी

मार्केट में जाम और वाटरलॉगिंग की सबसे बड़ी प्रॉब्लम है। साथ ही पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि मार्केट में अकेले गोरखपुर नहीं बल्कि आसपास जिलों के साथ बिहार और नेपाल से भी व्यापारी आते हैं।

मनोज, व्यापारी

मार्केट में आने वाले व्यापारियों को काफी परेशानी होती है। बारिश के सीजन में तो मार्केट तक आना और वापस घर जाना किसी जंग पर जाने से कम नहीं होता। जाम तो हर वक्त की समस्या बन चुका है।

प्रेम पाल सिंह, व्यापारी