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LUCKNOW : जयललिता का यूपी से भले ही सीधा कनेक्शन न रहा हो लेकिन मूल रूप से तमिलनाडु के अफसर जो यूपी में अहम पदों पर तैनात है, अम्मा को मसीहा मानते हैं। ये अफसर जयललिता से सीधे टच में तो नहीं थे, लेकिन उनके काम करने के तौर तरीकों के मुरीद रहे हैं। आज भी अपने मूल प्रदेश की अच्छी चीजें यूपी में लागू करने की कोशिश करते हैं। बता दें कि यूपी में दर्जन भर से ज्यादा आईएएस और आईपीएस अफसर तमिलनाडु के हैं। आई नेक्स्ट ने ऐसे ही अधिकारियों से बात की।

फैसलों पर अडिग रहती थीं अम्मा

तमिलनाडु ने ही नहीं देश ने अच्छा लीडर खो दिया है। एक ऐसी नेता जिसकी एडमिनिस्ट्रेशन पर मजबूत पकड़ थी और फैसलों पर अडिग रहने वाली नेता। तमिलनाडु के लिए जयललिता मसीहा से कम नहीं थी। तमिलनाडु शायद ऐसा इकलौता राज्य है जहां महिलाएं पुरुषों से अधिक कमाती हैं। पांच रुपये में भर पेट खाना, एक रुपये किलो चावल, 10 रुपये लीटर मिनरल वाटर जैसी योजनाओं से उनकी लोकप्रियता बढ़ती रही। अफसरों के लिए सख्त, लॉ एंड आर्डर से कोई समझौता नहीं और डेवलपमेंट बेस पालिटिक्स उनकी पहचान थी।

-विजयेंद्र पांडियन, जिलाधिकार, कासगंज

पूरी रात सो नहीं सका

मैं सारी रात उनसे जुड़ी खबरों को देखता रहा। हमने एक मजबूत लीडर खो दिया है। कई सोशल वेलफेयर स्कीम जयललिता ने ऐसी शुरू की जिसका सीधा फायदा गरीबों को मिला। यही स्कीम अम्मा की लोकप्रियता की वजह बनी थी। अम्मा कैंटीन, अम्मा मिनरल वाटर, नमक, दवा, यूनिवर्सल पीडीएस ऐसी योजनाएं थीं, जो गरीबों से सीधी जुड़ी थीं। निर्णय लेने के बाद वह कभी पीछे नहीं हटीं। सस्ता मिनरल वाटर मुहैय्या कराने की योजना काफी कारगर रही, योजना को यूपी में भी लागू करने की कोशिश की गयी, लेकिन बड़ा प्रदेश होने की वजह से सक्सेस नहीं हो सकी।

एस राजालिंगम, जिलाधिकारी, सुल्तानपुर

हर दिल में अम्मा ने बनाया घर

बहुत बोल्ड लेडी, गरीबों की मसीहा। इस जगह को भरना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। ऐसा कोई घर नहीं होगा जहां अम्मा की योजनाओं से फायदा ना पहुंचा हो। वह चाहे गरीब का घर हो या कोई संपन्न परिवार। लॉ एंड आर्डर पर उनकी पकड़ का जवाब नहीं था। शिकायत पर वह अपने सबसे करीबी का भी मंत्रीपद ले लेती थीं और उन्हें जेल भेज देती थीं। यह तमिलनाडु के लिए बहुत बड़ा लॉस है।

-के बालाजी, जिलाधिकारी, औरैया

उनकी पर्सनॉलिटी सबसे निराली

शी वाज आयरन लेडी। हर चुनौतियों को स्वीकार करना और उससे डंटकर मुकाबला करना, विपरीत परिस्थितियों में संयम ना खोना और बुरी तरह परास्त होने के बाद भी परास्त ना मानना उनका व्यक्तित्व था। यही कारण था कि वह छह बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं। कई मौके ऐसे आये जब कहा गया कि अम्मा की राजनीति खत्म हो गयी, लेकिन उन्होंने उससे बेहतर ढंग से बाहर निकली और अधिक पावर फुल होती गयीं। एक्टर से लेकर लीडर के रूप में भी तमिलनाडु की जनता ने उन्हें सर आंखों पर बिठाया और वह एमजी रामा चंद्रन के बाद सबसे पॉपुलर नेता बनीं।

-प्रकाश डी, आईजी, एडमिन

लाखों लोगों की रोल मॉडल

सेल्फ कांफिडेंस में जयललिता मैडम सभी की रोल मॉडल थीं। यह देश के दूसरे मुख्यमंत्रियों के लिए भी एक नजीर हैं। उन्होंने पब्लिक वेलफेयर के लिए जो भी स्कीम शुरू की, उसका सीधा लाभ जनता तक पहुंचा। पूरा जीवन उन्होंने जनता के लिए समर्पित कर दिया। दो दिन से इसी खबर को फालो कर रहा था, उम्मीद बंधी थी कि वह बच जाएंगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। तमिलनाडु में पुलिस फोर्स के लिए अम्मा ने जितना काम किया वह भी उल्लेखनीय है। रेगुलर रिक्रूटमेंट होने से वहां पुलिस फोर्स में कोई कमी नहीं आयी। जय ललिता वास्तव में मास लीडर थी और वह तमिलनाडु की जनता उसके लिए दीवानी थी।

-एन कोलांची, कमांडेंट, पीएसी, 38 बटालियन

हाल की सबसे पॉपुलर लीडर

हाल के दिनों की सबसे लोकप्रिय नेता कहा जाए तो गलत नहीं होगा। पुलिस अफसरों को लॉ एंड आर्डर और क्राइम पर कंट्रोल के लिए पूरी छूट देने वाली नेता। गलत काम करने वालों को किसी भी हाल में न बख्शने वाली नेता थीं अम्मा। यहां तक कि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने अपने मंत्री तक को जेल भेजवाया। गैस चूल्हा, मिक्सर, दवा, पानी, नमक, सस्ता खाना, स्वास्थ सेवायें जैसी सभी बुनियादी सुविधाओं पर ना सिर्फ योजना बनाकर काम किया बल्कि ग्राउंड लेवल तक उसे पहुंचाया भी। आगे क्या होगा पता नहीं, लेकिन अम्मा जैसा नेता दोबारा मिलना मुश्किल है।

दिनेश कुमार पी, एसपी, कन्नौज