-अंधे मोड़ ले चुका है कई लोगों की जान

-वाहन से बचने के चक्कर में गवां देते हैं जान

BAREILLY: मयूर वन चेतना केंद्र मोड़ को मौत का अंधा केंद्र कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। क्योंकि यहां आए दिन हादसे में लोग जान गवां देते हैं। इस मोड़ पर वाहन को बचाने के चक्कर में डॉक्टर शिवाली के अलावा शहर के नामी बिल्डर व नेशनल वॉलीबाल प्लेयर युवराज समेत कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं। इसके बावजूद भी जिम्मेदारों की आंखों नहीं खुल रही हैं और हादसे दर हादसे हो रहे हैं।

केस 1-

लेडी डॉक्टर की मौत

13 अप्रैल 2018 को मयूर वन चेतना केंद्र के पास ट्रक को बचाने के चक्कर में डॉक्टर्स की कार खड़े ट्रक में टकरा गई थी। इस हादसे में एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज की एमडी डॉक्टर वैशाली की मौत हो गई थी। हादसे में उसकी साथी डॉक्टर आस्था भी गंभीर रूप से घायल हो गई थी, जिसका गुड़गांव में इलाज चल रहा है।

केस 2-

नेशनल प्लेयर की जा चुकी जान

9 जुलाई 2017 को मयूर वन चेतना केंद्र के पास ही मोड़ पर ओवरटेक करने के चक्कर में दो दोस्तों की कारें आपस में भिड़ गई थीं। हादसे में शाह ग्रुप के डायरेक्टर और पूर्व नेशनल वॉलीबाल प्लेयर युवराज सिंह की मौत हो गई थी। युवराज सिंह, मासूमी फा‌र्म्स एंड रिसॉर्ट से किटी पार्टी कर घर से वापस लौट रहे थे।

केस 3-

ओवरटेक करने के दौरान हादसा

13 जून 2017 को इसी अंधी मोड़ पर श्रीराम कॉलोनी निवासी राजपाल की हादसे में मौत हो गई थी। राजपाल ने बाइक से ट्रक को ओवरटेक करने की कोशिश की थी लेकिन सामने से आ रहे टेंपो में टकरा गए थे। वह अपने दोस्त के साथ घर वापस लौट रहा था।

केस 4-

इंजीनियर के दो बच्चों की मौत

29 मार्च 2017 को भी मयूर वन चेतना केंद्र मोड़ के पास दर्दनाक हादसा हुआ था। यहां पर मुरादाबाद नगर निगम के जेई संजय कुमार के दो मासूम बच्चों लवी और ध्रुवी की मौत हो गई थी। ट्रक ने उनकी कार में टक्कर मार दी थी। वह मां की मौत की खबर सुनकर मुरादाबाद से बरेली आई टेन कार में लौट रहे थे।

केस 5-

एक ही परिवार के 7 लोगों की गई जान

9 जून 2014 को यहां पर सबसे भीषण हादसा हुआ था। इस हादसे में बांके की छावनी किला निवासी प्रवीन यादव समेत परिवार के 7 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें महिलाएं व बच्चे भी थे। यह हादसा भी ट्रक की वजह से हुआ था। ट्रक ने कार में टक्कर मारी थी और प्रदीप पीलीभीत से छुट्टियां मनाकर घर लौट रहे थे।

नहीं निकाला परमानेंट सॉल्यूशन

यह पांच वह बड़े हादसे हैं जो मयूर वन चेतना केंद्र का नाम आते ही सामने आ जाते हैं, लेकिन इसके अलावा भी यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं और कई लोग अपनी जान गवां देते हैं या फिर हादसे में गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। जब भी कोई हादसा होता है तो जिम्मेदार कभी ब्रेकर तो कभी रिफ्लेक्टर तो कभी कुछ अन्य इंतजाम करने की बात करते हैं लेकिन कोई परमानेंट सॉल्यूशन नहीं निकालता है। जिसकी वजह से लगातार हादसे हो रहे हैं।

एसपी ट्रैफिक पहुंचे जांच करने

मयूर वन चेतना केंद्र के पास हादसे में डॉक्टर शिवाली की मौत के बाद एसपी ट्रैफिक कमलेश बहादुर संडे घटना स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने भी देखा कि मोड़ काफी खतरनाक है और हादसे रोकने के लिए इंतजाम करने होंगे। जल्द ही यहां पर रोड किनारे रिफलेक्टर लगाए जाएंगे ताकि लोगों को पता लग सके कि आगे मोड़ है। इसके अलावा ढाबे पर खड़े होने वाले ट्रकों को भी रोका जाएगा।