- श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ गरजे श्रमिक संगठन

- गीत और नाटक से कराया श्रमिकों के हालात का अहसास

BAREILLY: अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस यानि मई दिवस पर श्रमिक संगठनों और कई समाजसेवी संस्थाओं ने शहर में कई जगह कार्यक्रम किए। श्रमिक संगठनों ने श्रमिक विरोधी नीतियों के फीके पड़े आंदोलन की धार को मजबूत बनाने के लिए संगठित होने का आह्वान किया। तो दूसरी ओर, कई संस्थाओं ने इस दिन सेवा का संकल्प लिया। मई दिवस पर बरेली ट्रेड यूनियंस फेडरेशन के बैनर तले अंबेडकर पार्क में कार्यक्रम हुआ। कई श्रमिक संगठन लाल झंडों और बैनरों के साथ रैली की शक्ल में सभास्थल पर पहुंचे।

श्रमिक विरोधी नीतियां बर्दाश्त नहीं

अंबेडकर पार्क में सभा का शुभारंभ प्रगतिशील सांस्कृतिक मंच ने गीतों से की। इसमें 1 मई 1886 की शिकागो में हुई हड़ताल और मजदूर नेताओं की शहादत के बाद मिले आठ घंटे काम के अधिकार को आज के दौर में चुनौती बताया। महामंत्री संजीव मेहरोत्रा ने कहा कि श्रमिक नीतियों ने कामगारों का हर सेक्टर में जीना दूभर कर दिया है। सभा को भाकपा माले के अफरोज आलम, नरमू नेता मुकेश सक्सेना, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के मुहम्मद फैसल, बीमा यूनियन की गीता शांत, भवन निर्माण मजदूर नेता हरीश पटेल, ईपीएफ कर्मचारी नेता नवीन कालरा, जिला अस्पताल कर्मचारी नेता कमलेश त्रिपाठी, बीटीयूएफ पूर्व अध्यक्ष कैलाश चंद्र सक्सेना ने संबोधित किया।

संगठनों ने किए आयोजन

इंकलाबी मजदूर केंद्र के कार्यकर्ताओं ने सेठ दामोदर स्वरूप पार्क में कार्यक्रम किया। आर्ट ऑफ लिविंग ने स्वयंसेवी संस्था वसुंधरा जनकल्याण समिति श्रमिक महिलाओं को सम्मानित किया। आइसेफ एजुकेशनल सोसायटी और विकल्प संस्था ने बाल मजदूरी मिटाने का संकल्प लिया। रबर फैक्ट्री मजदूर संघ ने समस्याओं के निस्तारण की मांग की। लोधी युवा सभा ने शहामतगंज व्यापार मंडल का विरोध किया। इसके अलावा मजदूर कांग्रेस, एनई रेलवे मेंस कांग्रेस, रोडवेज वर्कशॉप कर्मचारी संघ, कर्मचारी कल्याण परिषद, समाजवादी मजदूर सभा, गरीब शक्ति दल ने कार्यक्रम आयोजित किए। श्रम प्रवर्तन अधिकारी सूर्य प्रकाश और केके सिंह ने मजदूर दिवस पर प्रेमनगर चौराहा पर श्रमिक शिविर लगाकर मजदूरों को जागरुक किया।