- जल निगम भर्ती घोटाले में पूर्व मंत्री आजम खान ने पेश की सफाई

- करीब दो घंटे तक चला पूछताछ और बयान दर्ज करने का सिलसिला

- पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह को भी एसआईटी ने किया था तलब

- तत्कालीन एमडी पर फोड़ा ठीकरा, धोखे से दस्तखत कराने की बात कही

LUCKNOW :

सपा सरकार में जल निगम में नियमों को दरकिनार कर हुई 1300 भर्तियों की जांच कर रही यूपी पुलिस की एसआईटी के सामने पूर्व नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खान ने अपना बयान दर्ज कराया। रामपुर से विधायक आजम खान से करीब दो घंटे तक जांच अधिकारियों ने जांच से जुड़े कई अहम बिंदुओं पर पूछताछ की। इसके बाद उनका दो पन्ने का बयान भी दर्ज किया गया। पूछताछ के बाद बाहर आए आजम खान ने इसे राज्य सरकार की साजिश करार देते हुए जानबूझकर फंसाये जाने का आरोप लगाया। दावा किया कि भर्तियों में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। तत्कालीन एमडी ने उनसे धोखे से कई फाइलों पर दस्तखत करा लिए थे।

पहली नोटिस में आजम हाजिर

एसआईटी ने आजम खान को विगत 17 जनवरी को नोटिस देकर सोमवार को तलब किया था। सुबह तकरीबन 12.30 बजे गोमतीनगर के विभूतिखंड स्थित एसआईटी मुख्यालय पर आजम खान ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वहीं एसआईटी ने आजम के करीबी पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह को भी तलब किया था जो आजम के आने के चंद मिनटों पहले ही पहुंच गये थे। इसके बाद एसआईटी के एसपी नागेश्वर सिंह, एएसपी अमिता मिश्रा, जांच अधिकारी अटल बिहारी, सुशील उपाध्याय ने दोनों से भर्तियों को लेकर शासन स्तर पर लिए गये फैसलों पर तमाम सवाल पूछे। सूत्रों की माने तो आजम खान ने पूरी भर्ती प्रक्रिया से किनारा करते हुए मातहतों पर सारा ठीकरा फोड़ दिया। एसआईटी ने उनसे नगर विकास मंत्री और जल निगम के अध्यक्ष रहने के दौरान लिए गये फैसलों के बारे में मालूमात की।

स्पष्टीकरण मांगा गया

एसआईटी के एसपी नागेश्वर सिंह ने बताया कि शिकायतकर्ताओं ने आजम खान पर आरोप लगाया है कि उनके दबाव की वजह से नियमों को दरकिनार कर मनचाहे लोगों को नौकरियां दी गयी। भर्तियों में उनकी भूमिका के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया था। फिलहाल मामले की जांच जारी है और कई लोगों के बयान लिए जाने हैं। जांच पूरी करने के बाद शासन की उच्चस्तरीय कमेटी को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। आगे कमेटी को तय करना है कि वह आजम खान के बयान से संतुष्ट है कि नहीं। यदि घोटाले में किसी की भूमिका सामने आती है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू करने की अनुमति मांगी जाएगी। जल्द ही ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली संस्था अपटेक के अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा। वहीं एसपी सिंह से पूछताछ का सिलसिला जारी रह सकता है।

मैं चोर नहीं, सरकार फंसा रही

एसआईटी मुख्यालय में कदम रखते ही आजम खान अपने चिर-परिचित अंदाज में अफसरों पर बरसते हुए बोले कि 'मैं चोर नहीं हूं, सरकार के इशारे पर मुझे फंसाने की कोशिश हो रही है'। अधिकारियों ने उन्हें बैठने और बयान दर्ज कराने को कहा तो बोले कि 'हमारी गलती तो इतनी है कि हमने गरीबों को नौकरियां दे दी। आपको भी जो पता करना हो, कर लीजिए, मैं तो गरीबों को मुफ्त शिक्षा भी देता हूं'। पूछताछ का सिलसिला शुरू हुआ तो आजम के तेवर कुछ ढीले पडे़ और उन्होंने भर्तियों में हुई गड़बडि़यों का सारा ठीकरा जल निगम के तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी पर फोड़ दिया। करीब दो घंटे तक मुख्यालय में रहने के दौरान जब वह बाहर आए तो उन्हें मीडियाकर्मियों ने घेर लिया। मीडिया के सवालों के जवाब में आजम ने कहा कि भाजपा ने मेरे चेहरे पर कालिख तो लगा ही दी है। हमने तो ठेला चलाने वालों, मजदूरों, टिनशेड में रहने वाले लोगों के ग्रेजुएट बच्चों का नौकरी दी। केवल मुसलमान ही नहीं, हिंदू भी भर्ती हुए हैं। यह सरकार हमारी तरह गलत तरीके से ही सही, नौकरियां तो दे। मैं तो सारे ग्रेजुएट युवाओं को नौकरियां देना चाहता हूं। मैं कभी झूठ नहीं बोलता, भर्तियां करना मेरे कार्यक्षेत्र में नहीं था। मेरे दामन पर न कोई दाग था, ना है। दावा किया कि भर्तियों में किसी ने रिश्वत नहीं ली। कहा कि यह विभाग जाने कि कैसे नौकरियां दी गयीं।

पहली बार किसी मंत्री से पूछताछ

योगी सरकार में पहली बार किसी घोटाले की जांच के दौरान पूर्व सरकार के काबीना मंत्री को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। आजम खान के आज आने की संभावना को देखते हुए एसआईटी मुख्यालय को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। काले शीशे और बिना नंबर की कई गाडि़यों के काफिले के साथ आए आजम खान दोपहर 2.25 बजे बाहर आए और मुस्कराते हुए पत्रकारों के सवाल का जवाब दिया। अब एसआईटी अपटेक, परीक्षा समिति, इंटरव्यू बोर्ड के मेंबर्स और जल निगम के पूर्व चीफ इंजीनियर्स को पूछताछ के लिए तलब करेगी।

- 17 जनवरी को एसआईटी ने आजम खान को भेजा नोटिस

- 12.30 बजे एसआईटी मुख्यालय में पेश हुए आजम

- 2.25 बजे तक चला पूछताछ और बयान दर्ज करने का सिलसिला

- 1300 भर्तियों में पिछली सरकार में जल निगम में हुआ था खेल

- 122 सहायक अभियंताओं को सरकार कर चुकी है बर्खास्त

- 22 सितंबर को एसआईटी का जल निगम मुख्यालय में छापा

- 05 दिसंबर को तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी से पूछताछ

- 16 जनवरी को पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह से पूछताछ

- 10 लोगों के बयान एसआईटी कर चुकी है दर्ज

इन पदों पर हुई थी भर्तियां

- 122 सहायक अभियंता

- 853 अवर अभियंता

- 335 नैतिक लिपिक

- 32 आशुलिपिक