- जांच पूरी होने पर डॉ। डीके कटियार और डॉ। केपी सिंह सस्पेंड

- जल्द ही बुलाई जाएंगी एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक, बनेगी जांच कमेटी

LUCKNOW: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में एमबीबीएस में एडमीशन के नाम पर लाखों ठगने के आरोपी दो डॉॅक्टर्स को केजीएमयू प्रशासन ने शुक्रवार को सस्पेंड कर दिया। इससे एक दिन पहले गुरूवार को दोनों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा था। इसके लिए प्रॉक्टर ने उन्हें एक हफ्ते का समय दिया है।

जांच में मिले दोषी

केजीएमयू प्रशासन को प्रारम्भिक जांच में फर्माकोलॉजी के डॉ। डीके कटियार और माइक्रोबायोलॉजी के डॉ। केपी सिंह दोषी मिले हैं। इसी आधार पर वीसी प्रो। रविकांत ने शुक्रवार को दोनों को यूनिवर्सिटी अधिनियम के सेक्सन ब्क् (डी) क्क्.0म् (क्) के तहत सस्पेंड कर दिया है। जिसके अनुसार जांच पूरी होने पर दोनों ही सस्पेंट रहेंगे। ताकि उनके खिलाफ निष्पक्ष रूप से जांच हो सके। जब तक जांच पूरी नहीं होती तब तक दोनों ही डॉक्टर सस्पेंड रहेंगे वह किसी प्रकार यूनिवर्सिटी की एक्टिविटी में भाग नहीं ले सकते।

सील हुए कमरे

दोनों ही आरोपी डॉक्टरों के चैम्बर को केजीएमयू प्रशासन ने सील कर दिया है। डॉ। कटियार सुबह अपने विभाग में अपने चैम्बर पहुंचे तो कुछ देर बाद ही उनका चैम्बरा सील कर दिया। दोनों तरफ के दरवाजे केजीएमयू प्रशासन ने लॉक कर दिए। यही हाल फार्माकोलॉजी में डॉ। केपी सिंह के कमरे में किया गया। डॉ। केपी सिंह सोमवार से ही लापता हैं। उनके मोबाइल नम्बर भी स्विच आफ हैं।

बुलाई जा सकती है कार्य परिषद

यूपी राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम क्97फ् के तहत टीचर पर कार्रवाई के लिए कार्य परिषद की स्वीकृति लेनी जरूरी है। चीफ प्रॉक्टर प्रो। एसएन कुरील ने बताया कि जांच कमेटी कार्य परिषद ही बैठा सकती है। सूत्रों के मुताबिक केजीएमयू प्रशासन एग्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक के लिए तैयारी शुरू कर दी है। अगर जांच में दोनों पर आरोप साबित हुए तो दोनों को बर्खास्त किया जा सकता है।

थाने में रखा अपना पक्ष

एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। डीकेकटियार ने आरोपों से पल्ला झाड़ते हुए क्भ् अक्टूबर को चौक थाने में एक पत्र देकर कहा है कि डॉ। केपी सिंह ने उनके चैम्बर का गलत प्रयोग किया। लेकिन इस लेन देन के मामले से उनका कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने पूरा आरोप केपी सिंह पर मढ़ दिया। डॉ। केपी सिंह और डॉ। डीके कटियार पहले ही कई मामलों में चर्चित रहे हैं।

यह है मामला

एमबीबीएस की आखिरी काउंसलिंग से पहले एमसीआई कोटे के तहत एडमिशन दिलाने के आरोप में क्ख् अक्टूबर को नोएडा में भुक्तभोगी छात्र अनुराग पुरोहित ने डॉ। डीके कटियार, रजत गुप्ता और एक अन्य महिला के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उसने फ्फ् लाख रुपए के धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। उधर म् अक्टूबर को चौक थाने में भी इंदिरा नगर निवासी पंकज सक्सेना आरोप में बीते छह अक्टूबर को चौक थाने में निवासी पंकज सक्सेना ने डॉ। डीके कटियार के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। इसमें उन्होंने डॉ। डीके कटियार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने एडमिशन के नाम पर क्8 लाख रूपए वसूले थे।