-- एसजीपीजीआई में हुआ कार्यक्रम, डॉक्टर्स ने दी राय

LUCKNOW: हाई क्वालिटी की जेनेरिक मेडिसिन्स के द्वारा ही इलाज को सस्ता किया जा सकता है। लेकिन जरूरी है कि दवाओं की क्वालिटी ठीक हो और इनकी सही जांच की व्यवस्था हो। ताकि मरीजों को दिक्कत न हो। संजय गांधी जीपीआई के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में रविवार को डॉक्टर इस मुद्दे पर चर्चा करते दिखे।

कॉस्ट इफेक्टिव मेडिसिन इज द वे फारवर्ड विषय पर आयोजित संगोष्ठी में लखनु यूनिवर्सिटी के प्रो। ए मोहन ने कहा कि गरीब लोग अपनी कमाई का ब्0 फीसदी हिस्सा सिर्फ इलाज के लिए खर्च कर देते हैं। महंगी ब्रांडेड दवाओं की जगह जेनेरिक दवाओं के इस्तेमाल से इस खर्च को कम किया जा सकता है। एक ही दवा कम्पनी ब्रांडेड को अच्छी क्वालिटी का बनाती है तो जेनेरिक दवा भी उच्च गुणवत्ता वाली बन सकती है। लेकिन इसके लिए सरकार को सख्त पॉलिसी बनानी होगी।

न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी प्रो। यूके मिश्रा ने बताया कि आईसीयू में अनावश्यक जांच कराने से बचें और मशीनों को निर्भरता को कम करें। इससे कास्ट में कमी आएगी। मुंबई के जसलोक अस्पताल के न्यूरोसर्जन प्रो। एस पांड्या ने कहा कि मेडिकल की बड़ी कांफ्रेंस के लिए दवा कम्पनियां सहयोग करती हैं। इस धन को इन डॉक्टरों की मदद से महंगी दवाएं बेच कर वसूलती है। डॉक्टर के कारण गरीब मरीज मारा जाता है। इसे तुरंत रोक देना चाहिए।