- डॉ। ब्रजेश मिश्रा की टीम ने किया जटिल ऑपरेशन

- 6 घंटे की सर्जरी के बाद मिली सफलता

- ट्रैक्टर से गिरने पर जुताई के दौरान कट गया था पैर

LUCKNOW: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के डॉक्टर ने दो साल के बच्चे का कटा हुआ पैर जोड़ कर उसे जिंदगी दी है। क्8 जनवरी को डॉ। ब्रजेश मिश्रा ने उसका आपरेशन किया था और अब बच्चे का पैर पूरी तरह जुड़ गया है। डॉक्टर्स को उम्मीद है कि वह पहले की तरह अपने पैर पर आसानी से चल सकेगा। डॉक्टर्स के अनुसार पहली बार इतनी कम उम्र के बच्चे का पैर जोड़ा गया है।

ट्रैक्टर से गिरने पर कटा था पैर

डॉ। ब्रजेश मिश्रा ने बताया कि गोंडा जिले के रकसडि़सवा निवासी बालक राम का बेटा ट्रैक्टर पर बैठा था। जुताई के दौरान वह नीचे गिर गया और उस पैर पूरी तरह कटकर अलग हो गया था। घरवाले बच्चे और कटे पेर को लेकर गोंडा के डॉ। तिवारी के पास पहुंचे। उन्होंने बच्चे को प्राथमिक उपचार के बाद केजीएमयू रेफर कर दिया। पैर कटने के लगभग 8 घंटे बाद ट्रॉमा सेंटर पहुंचे बच्चे का दो घंटे बाद ही ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। छह घंटे के लगातार ऑपरेशन के बाद जोड़ा जा सका।

बहुत जटिल था ऑपरेशन

डॉ। ब्रजेश मिश्रा ने बताया कि ऑपरेशन के दस दिन पूरे होने पर बच्चों और पैर पूरी तरह स्वस्थ है। विभाग में पहले भी ऐसे ऑपरेशन किए जाते रहे हैं लेकिन पहली बार इतने छोटे बच्चे का प्रत्यारोपण किया गया है। पैर का आकार छोटा होने के कारण ऑपरेशन ज्यादा जटिल था। खून की नलियां बहुत पतली होती है। इसके अलावा न‌र्व्ज को भी जोड़ना होता है। बिना न‌र्व्ज के जुड़े पैर में संवेदनशीलता नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों में नसों की ग्रोथ अच्छी होती है। इनकी रिकवरी में लगभग म् से 8 माह का समय लगता है। इसलिए उम्मीद है कि बच्चे का पैर पहले की तरह ही लगभग नार्मल हो जाएगा। ऑपरेशन में डॉ। ब्रजेश मिश्रा व उनकी टीम डॉ। प्रेम शंकर, डॉ। शिवानी, डॉ। सोनिया, डॉ। दीपिका ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

जल्द से जल्द पहुंचे अस्पताल

डॉ। ब्रजेश मिश्रा ने बताया कि अगर कोई शरीर का अंग कटता है तो उसे जल्द से जल्द हॉस्पिटल लेकर आएं। कटे हुए अंग को एक साफ पॉलीथीन में रख लें और पॉलीथीन के बाहर बर्फ लगा लें। ताकि उसमें तापमान के कारण कोई नुकसान न हो। लेकिन जरूरी है कि बर्फ अंग से सीधे कांटेक्ट में न हो। कोशिश करें कि म् घंटे के अंदर डॉक्टर के पास पहुंच जाएं।