- 25 दिन से भर्ती होने के लिए रैनबसेरे में इंतजार कर रहा यूसुफ

- सीढि़यों से गिरने के बाद से काम नहीं कर रहे हाथ पैर

केजीएमयू में इलाज का सच

LUCKNOW: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के शताब्दी हॉस्पिटल के पास रैनबसेरे में पिछले ख्भ् दिनों से मो। यूसुफ के परिजन उन्हें भर्ती कराने के लिए इंतजार कर रहे हैं। रोज उन्हें भर्ती होने के लिए ओपीडी में ले जाया जाता है लेकिन डॉक्टर बेड न होने की बात कहकर वापस लौटा देते हैं। मदरसे में सीढ़ी से गिरने के कारण युसूफ के चोट लगने के बाद से उनका पूरा शरीर काम ही नहीं कर रहा है।

इलाज की आस में धूप में इंतजार

यूसुफ के फादर असगर अली ने बताया कि ख् मार्च को डॉक्टर बीके ओझा को दिखा था। जिसके बाद विभाग में एडमिट करने को कहा गया लेकिन बेड खाली नहीं मिला। दो दिन बाद डॉक्टर्स ने गले में पट्टा जरूर बांध दिया कि उसे गले में और अधिक नुकसान न हो। कालर बेल्ट जरूरी लगा दी। लेकिन उसके बाद से रोज परिजन मरीज को लेकर ओपीडी में जाते हैं और फिर बेड खाली न होने की बात कहकर वापस कर दिया जाता है। नानपारा बहराइच के मरीज के फादर फेरी का काम करते हैं। पैसे की तंगी के कारण ही वे अब तक मरीज को लेकर किसी प्राइवेट अस्पताल नहीं ले जा पाए हैं। उनका कहना है कि वह कहीं ओर का खर्च नहीं उठा पाएंगे।

असगर अली ने बताया कि डॉक्टर्स ने सर्जरी में लगने वाला सामान भी मंगा कर रख लिया है। दवाओं व सामान पर अब तक लगभग ख्भ् हजार रुपए खर्च हो चुके हैं लेकिन अब इलाज के लिए बेड ही नहीं मिल पा रहा है। यहां के अलावा वे कहीं और इलाज कराने में भी सक्षम नहीं है। जिसके कारण वे रैनबसेरे में इंतजार को मजबूर हैं। रैनबसेरा के अंदर भी दिन में धूप आ जाती है। परिजन उन्हें बार बार इधर उधर खिसका नहीं सकते हैं जिसके कारण वह धूप में ही पड़ा रहता है। परिजन इस इंतजार में हैं कि किसी न किसी दिन उन्हें इलाज जरूर मिलेगा।

विभाग में लगतार सभी बेड फुल चल रहे हैं। शायद इसी कारण मरीज भर्ती न हो पाया। बेड खाली होते ही भर्ती कर लिया जाएगा।

डॉ। बीके ओझा, एचओडी न्यूरोसर्जरी, केजीएमयू