मेडिकल कालेज चौराहे से सीएमपी डिग्री कालेज तक हुई गहरेबाजी

ALLAHABAD: इलाहाबाद में सावन महीने में गहरेबाजी की वर्षो पुरानी परंपरा का रोमांच और जुनून सावन के दूसरे सोमवार को दिखाई दिया। मेडिकल कालेज चौराहे से लेकर सीएमपी डिग्री कालेज तक एक या दो बार नहीं बल्कि छह-छह बार घोड़ों की रफ्तार ने लोगों को अचंभित कर दिया। बदरे आलम के 'सुल्तान' और 'कन्हैया' तो पहले ही राउंड से अन्य प्रतिद्वंद्वियों से आगे निकल चुके थे। उसके पीछे विष्णु महाराज का 'रॉकेट' चल रहा था। सड़क के दोनों किनारों पर खड़े लोगों ने यह नजारा देखा तो 'भाग रॉकेट भाग' चिल्लाना शुरू कर दिया।

गहरेबाजी के दौरान फैज का 'बादल', बबलू सम्राट का 'उड़ी बाबा', अनूप यादव का 'बाहुबली', लालजी यादव का 'भूकंप', पप्पू बेली का 'रुस्तम' और 'सुल्तान' ने भी रफ्तार की बाजीगरी दिखाई लेकिन कन्हैया व सुल्तान के साथ ही रॉकेट के करीब नहीं पहुंच सके। रोमांच का सिलसिला शाम पांच बजे से लेकर छह बजे तक चलता रहा। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग सड़क के दोनों किनारों पर खड़े होकर रोमांच का आनंद उठाते रहे।

समर्थकों का नहीं मिला साथ

सावन के दूसरे सोमवार को गहरेबाजी के लिए तो रोमांचक रहा लेकिन उनके समर्थकों में मायूसी छाई रही। इसकी बड़ी वजह रही कि जिलाधिकारी संजय कुमार ने सोमवार को सुबह ही गहरेबाजों को हिदायत दे दी थी कि घोड़ों के पीछे दोपहिया वाहनों का काफिला नहीं चलना चाहिए। यही वजह रही कि गहरेबाजी के दौरान सिर्फ सड़क के किनारे ही खड़े होकर आम शहरियों के साथ ही घोड़ों के समर्थकों ने भी मजा उठाया।