1650

मेडिकल स्टोर्स हैं इलाहाबाद में

1.18

लाख है पूरे प्रदेश में इनकी संख्या

50

हजार ने कराया है रजिस्ट्रेशन

मरीजों की जान से खिलवाड़, ताक पर रख दिए गए नियम

एक तिहाई फार्मासिस्ट ही उपलब्ध, एक के नाम से चल रहे कई स्टोर

vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: मरीजों की जान से खुलेआम खिलवाड़ चल रहा है। मेडिकल स्टोर्स पर बारहवीं कक्षा पास दवाएं बांट रहे हैं और प्रशासन गहरी नींद में सो रहा है। मेडिकल स्टोर्स आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बावजूद अभी तक कछुए की चाल से ही कार्रवाई हो सकी है। एक फार्मासिस्ट के नाम पर कई दवा की दुकानें संचालित हो रही हैं। जान-बूझकर नियमों को ताक पर रख दिया गया है।

1.18 लाख में 50 हजार ही रजिस्टर्ड

आंकड़ो पर जाएं तो प्रदेशभर में 1.18 लाख मेडिकल स्टोर्स हैं और इनके मुकाबले महज पचास हजार फार्मासिस्ट ही रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 12 हजार सरकारी नौकरी में हैं और ये अपना मेडिकल स्टोर नही चला सकते। कुछ फार्मासिस्ट दूसरे प्रदेशों में नौकरी कर रहे हैं। लोकल आंकड़ों पर जाएं तो अकेले इलाहाबाद में 1650 मेडिकल स्टोर्स संचालित हो रहे हैं। जबकि, इनमें से तिहाई संख्या में ही फार्मासिस्ट रजिस्टर्ड हैं। बाकी मेडिकल स्टोर्स कैसे संचालित हो रहे हैं, इसके बारे में या तो प्रशासन जानता है या खुद स्टोर संचालक।

पचास का सस्पेंशन, तीन निरस्त

डेढ़ साल पहले गवर्नमेंट ने मेडिकल स्टोर्स आवेदन की ऑनलाइन प्रक्रिया की शुरुआत की थी। तब से अब तक ड्रग विभाग जिले में केवल पचास मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ ही कार्रवाई कर पाया है। इनके लाइसेंस सस्पेंड किए गए है और दो या तीन का लाइसेंस कैंसिल किया गया है। इनके यहां फार्मासिस्ट उपलब्ध नही था। अधिकारियों का कहना है कि हाल फिलहाल 52 मेडिकल स्टोर्स ने बताया कि उनके पास फार्मासिस्ट नही है और वह जल्द ही इनकी डिटेल उपलब्ध करा देंगे।

किसने दिया दवा बांटने का अधिकार

नियमानुसार मेडिकल स्टोर में फार्मासिस्ट की मौजूदगी में ही दवा दिया जाना चाहिए। कोई भी दवा मरीज या परिजन को देने से उसे फार्मासिस्ट को दिखाना होता है, लेकिन वर्तमान में ऐसा नही है। अनस्किल्ड और बारहवीं पास लड़कों को तीन से चार हजार रुपए में रख लिया जाता है। वह डॉक्टर का पर्चा देखकर दवा वितरण करते हैं। ऐसे में मरीज को गलत दवा दिए जाने के पूरे आसार बने रहते हैं। यह खुलेआम एच शेड्यूल ड्रग दवाएं भी बांटने से पीछे नही हटते। जिसे देने का अधिकार केवल फार्मासिस्ट को दिया गया है। लेकिन, दवा के धंधे से जुड़े सूत्र बताते हैं कि शहर में सैकड़ों मेडिकल स्टोर बिना फार्मासिस्ट फर्जी ढंग से संचालित किए जा रहे हैं।

नियम का उल्लंघन

एक फार्मासिस्ट के नाम पर केवल एक मेडिकल स्टोर ही संचालित किया जा सकता है

इससे अधिक मेडिकल स्टोर का संचालन होने पर उनका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाता है

शुरुआत में विभागीय मिलीभगत से खुलेआम नियमों से खिलवाड़ किया गया

एक फार्मासिस्ट को दर्जनों की संख्या में मेडिकल स्टोर चलाने की छूट दे दी गई

गवर्नमेंट ने ऑनलाइन पोर्टल बना दिया और अब इसी के माध्यम से आवेदन होता है

एक फार्मासिस्ट का नाम पोर्टल पर एक से दो मेडिकल स्टोर पर दर्ज किया जाता है तो साफ्टवेयर ट्रेस कर लेता है

ऑनलाइन आवेदन और लाइसेंस रिन्यूवल की प्रक्रिया चल रही है। जैसे-जैसे डिफाल्टर मामले ट्रेस हो रहे हैं, उनके लाइसेंस सस्पेंड किए जा रहे हैं। जिले के अब तक बीस फीसदी मेडिकल स्टोर्स ही ऑनलाइन ट्रेस किए जा सके हैं।

केजी गुप्ता, असिस्टेंट ड्रग कमिश्नर इलाहाबाद मंडल