Ranchi : एमसीआई की अनुशंसा पर सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा झारखंड के मेडिकल कॉलेजेज में सीट्स घटाए जाने से यहां के ख्ब्0 स्टूडेंट्स प्रभावित हुए हैं। इन स्टूडेंट्स को मेडिकल कॉलेज में सीट अलॉट होने के बावजूद एडमिशन नहीं दिया जा रहा है। इनमें से करीब ब्0 स्टूडेंट्स ख्0 अगस्त से राजभवन के पास धरने पर बैठे हैं। इनमें से सात स्टूडेंट्स आमरण अनशन पर हैं। गुरुवार को तो अनशन कर रहे दो स्टूडेंट्स की तबीयत भी खराब हो गई थी, जिन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार को तबीयत थोड़ी ठीक होने के बाद उनमें से एक गर्ल स्टूडेंट फिर से धरने पर बैठ गई। इसके बावजूद अभी तक गवर्नमेंट की ओर से अभी तक कोई इनका हाल तक पूछने नहीं आया है।

एमसीआई का हवाला देकर एडमिशन देने से िकया इनकार

झारखंड में रिम्स (रांची), एमजीएम (जमशेदपुर) और पीएमसीएच (धनबाद) में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स की काउंसलिंग की गई। उसके बाद उन्हें सीट्स अलॉट की गईं। सीट अलॉट होने के बाद जब स्टूडेंट्स एडमिशन लेने मेडिकल कॉलेज पहुंचे, तो कॉलेज ने उनसे कह दिया कि उनका एडमिशन नहीं हो सकता। हवाला मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) का दिया गया। कहा गया कि एमसीआई ने सीट्स घटा दी हैं। इतना ही नहीं, इस सेशन के लिए धनबाद के पीएमसीएच में एक स्टूडेंट और जमशेदपुर के एमजीएम में भी एक स्टूडेंट का एडमिशन भी हो चुका था और इनमें से एक स्टूडेंट तो क्लास भी करने लगा था, लेकिन बाद में उन्हें यह कहते हुए कॉलेज से निकाल दिया गया कि एमसीआई द्वारा सीट घटाए जाने के कारण उसका एडमिशन कैंसिल कर दिया गया है।

सीएम ने भी नहीं की कोई मदद

मदद की गुहार लेकर स्टूडेंट्स सीएम आवास भी गए, लेकिन आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव में अपनी 'सीएम की सीट' बचाने में बिजी हेमंत सोरेन ने मेडिकल कॉलेजेज में इन स्टूडेंट्स की अलॉटेड सीट्स उन्हें वापस दिलाने में कोई मदद नहीं की। इसके बाद स्टूडेंट्स स्टेट के हेल्थ मिनिस्टर राजेंद्र सिंह से भी मिले। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह इसके लिए एमसीआई से बात करेंगे। राजेंद्र प्रसाद दिल्ली भी गए, लेकिन वह भी एमसीआई से सिर्फ आश्वासन लेकर लौटे।

ह है मामला

सेंट्रल गवर्नमेंट ने एमसीआई की अनुशंसा के बाद रिम्स, एमजीएम और पीएमसीएच में ख्0क्फ्-क्ब् के लिए सीट्स की संख्या बढ़ाई थी। इसके तहत रिम्स में सीट्स की संख्या 90 से बढ़ाकर क्भ्0 और पीएमसीएच व एमजीएम में सीट्स की संख्या भ्0-भ्0 से बढ़ाकर क्00-क्00 की गई थी। लेकिन, गवर्नमेंट ने एमसीआई की अनुशंसा पर ख्0क्ब्-क्भ् के लिए इन बढ़ी हुई सीट्स को बरकरार रखने के मेडिकल कॉलेजेज के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए पहले की सीट्स, यानी रिम्स में 90 और पीएमसीएच व एमजीएम में भ्0-भ्0 सीट्स पर ही एडमिशन की मान्यता प्रदान की। इस बीच स्टेट गवर्नमेंट के निर्देश पर पिछले साल बढ़ी हुई सीट्स पर ही स्टूडेंट्स की काउंसलिंग हुई और इन मेडिकल कॉलेजेज में उन्हें सीट्स भी अलॉट कर दिया गया था।

यह है कॉलेजेज का पक्ष

रिम्स के एक्टिंग डायरेक्टर डॉ एसके चौधरी का कहना है कि रिम्स में एमसीआई की ओर से जितनी सीट्स को मान्यता दी गई है, वह उतनी ही सीट्स पर एडमिशन लेंगे। वहीं, पीएमसीएच और एमजीएम के एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि उनके हाथ में सीट्स नहीं हैं। क्भ् अगस्त को एमसीआई की ओर से लेटर आया कि इतनी ही सीट्स पर एडमिशन को मान्यता मिलेगी।

'पहले मेरी काउंसलिंग हुई। उसके बाद मुझे पीएमसीएच, धनबाद में सीट अलॉट कर दी गई। वहां मेरा एडमिशन भी हुआ और हॉस्टल भी मिल गया। लेकिन बाद में कहा गया कि मेरा एडमिशन कैंसिल कर दिया गया है। मेरा रैंक जेनरल में ब्क्8 है.'

-शमशुल हक

स्टूडेंट

'काउंसलिंग के समय हमें फ्भ्0 सीट्स की अवेलेबिलिटी की जानकारी दी गई थी, लेकिन कॉलेज और सीट अलॉट होने के बाद कहा गया कि हमारा एडमिशन नहीं हो सकता। यह तो हमारे साथ अन्याय है। अब हम कहां जाएंगे। मेरा रैंक फ्क्9 है.'

-इकबाल

स्टूडेंट

'मेरा मेडिकल एंट्रेंस में ख्ब्0 रैंक है। मुझे पीएमसीएच में सीट अलॉट की गई थी। इसके बाद म् अगस्त को बुलाया गया और कहा गया कि एमसीआई ने सीट्स घटा दी हैं, इसलिए मेरा एडमिशन नहीं हो सकता.'

-प्रज्ञा

स्टूडेंट

'मेडिकल में मेरा रैंक ब्8फ् है। एमजीएम, जमशेदपुर में मेरा एडमिशन भी हो गया था और मैंने तो क्लास भी करनी शुरू कर दी थी। लेकिन, बाद में मुझसे कहा गया कि आपका एडमिशन कैंसिल कर दिया गया। हमारा तो करियर बर्बाद हो गया। अब हम क्या करें?'

-अरमान हुसैन

स्टूडेंट

'मैं अपने बेटे के एडमिशन के लिए हैदराबाद से यहां आया था। लेकिन, काउंसलिंग के बाद पता चला है कि ऐसा हो गया और एडमिशन कैंसिल कर दिया गया। इन बच्चों के लिए गवर्नमेंट को आगे आने की जरूरत है.'

-अख्तर हुसैन

स्टूडेंट अरमान हुसैन के पिता