-सनसनीखेज खुलासा: पटना के कई हॉस्पिटल कबाडि़यों को बेच रहे जानलेवा कचरा

-स्टिंग ऑपरेशन में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट का बड़ा खुलासा

manish.mishra@inext.co.in

PATNA: हॉस्पिटल बायो मेडिकल वेस्ट के लिए पटना के कई बड़े हॉस्पिटलों की कबाडि़यों से डील है। वह अस्पताल से निकलने वाली सिरिंज और अन्य बायो मेडिकल कचरे का सौदा कर रहे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट आज ऐसा खुलासा करने जा रहा है जिसे सुनकर आप भी सकते में आ जाएंगे। हम एक ऐसे खेल को उजागर करने जा रहे हैं जो पटना में आम लोगों की जिंदगी से खेल रहा है और इसमें कई बड़े हॉस्पिटल भी शामिल हैं। जान की परवाह किए बगैर रिपोर्टर उस जगह तक पहुंच गया जहां से अस्पतालों में इस्तेमाल की गई सिरिंज को साफ कर री पैकिंग वाले गिरोह को दिया जाता है। यह गिरोह संक्रमित सिरिंज को पानी से साफ कर नया बना देता है। इसके बाद यह मार्केट के माध्यम से फिर से हॉस्पिटल में पहुंचता है और इस संक्रमण से सने सिरिंज को मरीज को लगा दिया जाता है। आज पढि़ए मेडिकल कचरे का खेल।

आसान नहीं यहां तक पहुंच पाना

डीजे आई नेक्स्ट मेडिकल वेस्ट को लेकर जानलेवा कचरा नाम से बड़ी मुहिम चला रहा है। पड़ताल के दौरान सूत्रों से जानकारी मिली कि कई बड़े हॉस्पिटल बायो मेडिकल वेस्ट को एजेंसी से नष्ट करने के लिए देने के बजाय कबाडि़यों को दे रहे हैं। इस सूचना के बाद पड़ताल शुरू हुई लेकिन कहीं से कोई भनक नहीं लग पा रही थी कि डील कहा से चल रही है। काफी सुराग लगाने के बाद रिपोर्टर को उस जगह का पता चला जहां पटना के अधिकतर हॉस्पिटल जानलेवा कचरे की डील करते हैं। अब जगह की जानकारी तो हो गई लेकिन उस जगह पहुंच कर मामले का खुलासा करना आसान नहीं था।

कबाड़ी ने किए कई खुलासे

मेडिकल वेस्ट की तह तक पहुंचने के लिए रिपोर्टर खुद एक हॉस्पिटल का मैनेजर बनकर कबाड़ी के पास पहुंचा। जब रिपोर्टर कबाड़ी के पास पहुंचा तो काफी प्रयास के बाद उस पर विश्वास बना और हॉस्पिटल का फर्जी नाम बताकर बात शुरू की। बातचीत में कबाड़ी ने बताया कि कई हॉस्पिटल के लोग प्लास्टिक की सुई और रबड़ के पाइप लाकर दे जाते हैं। रिपोर्टर ने जब अपने हॉस्पिटल के मेडिकल वेस्ट के बारे में बात की तो वह कबाड़ी डील के लिए तैयार हो गया और इस्तेमाल की हुई सिरिंज से लेकर प्लास्टिक व रबर के अन्य सामान का भी रेट बताने लगा। कबाड़ी ने मेडिकल वेस्ट का पूरा ढेर दिखाया जो हॉस्पिटल से लाकर स्टोर किया गया था। दर्जनों बोरों और लोहे की ड्रम में इस्तेमाल की हुई सीरिंज और निडिल रखी गई थी। कबाड़ी ने बताया कि कैसे मेडिकल वेस्ट का पटना में धंधा चल रहा है।

हॉस्पिटल से निकला प्लास्टिक का सामान लेते हैं?

रिपोर्टर - आप हॉस्पिटल से निकला प्लास्टिक का सामान लेते हैं?

कबाड़ी - आप किस हॉस्पिटल से आए हैं?

रिपोर्टर - पाटलिपुत्रा में मेरा एक नया हॉस्पिटल है।

कबाड़ी - लोकेशन पूछते हुएहो जाएगा क्या-क्या निकलता है।

रिपोर्टर - इंजेक्शन, निडिल, प्लास्टिक की बोतलें।

कबाड़ी - इंजेक्शन और निडिल तो फ्0 रुपए किलो ले लेंगे, प्लास्टिक कम में लेते हैं।

रिपोर्टर - कौन-कौन से हॉस्पिटल देते हैं कचरा?

कबाड़ी - एक दो थोड़े बहुत हैं, सब लाकर देते हैं।

रिपोर्टर - आप किसे बेच देते हैं?

कबाड़ी - खर्चा भी बहुत है, पहले आदमी लगाकर धुलाई कराता हूं फिर इसे पटना सिटी भेजता हूं।

रिपोर्टर - पटना सिटी में इसका क्या होता है, कोई सामान बनता है क्यों?

कबाड़ी - पता नहीं। लेकिन कुछ पैकिंग का काम होता है और कुछ दिल्ली भी जाता है।

रिपोर्टर - पटना सिटी से दिल्ली किसलिए?

कबाड़ी - बताते हैं जो यहां नहीं चल पाता है उसे दिल्ली भेजकर फिर सुई बनवाया जाता है।

रिपोर्टर - आप बताइए हम सीधे पटना सिटी में ही जाकर बेंच दें?

कबाड़ी - नहीं वह हॉस्पिटल से सीधा खरीदते ही नहीं हैं।

रिपोर्टर - क्यों ऐसा क्यों है?

कबाड़ी -वह सीधा नहीं खरीदते हैं क्योंकि वह पैकिंग का काम करते हैं, हम लोगों से ही वह सुई और अन्य सामान खरीदते हैं।

रिपोर्टर - ठीक है मैं सामान लेकर आता हूं।