-पिछले 15 दिनों से बाहर से दवाएं खरीद कर खा रहे मरीज

-मानसिक रोगियों पर भारी पड़ रही अस्पताल प्रशासन की लापरवाही

LUCKNOW: राजधानी के हार्ट में स्थित डॉ। श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में पिछले क्भ् दिनों से मानसिक रोगों की दवाएं खत्म हो गई हैं। जिसके कारण मरीज परेशान हैं। जबकि मानसिक रोगियों को जो दवाएं शुरू की जाती है उन्हीं को कान्टीन्यू करना जरूरी होता है।

बाहर से दवाएं खरीद कर खा रहे मरीज

पिछले क्भ् दिनों से मानसिक रोगों से ग्रसित ओपीडी के सभी मरीजों को दवाएं खरीद कर खानी पड़ रही हैं। उस पर भी अस्पताल प्रशासन नहीं चेता। अभी तक दवाओं के लिए आर्डर नहीं किया गया। जबकि दवाएं खत्म होने से पहले ही आगे लिए स्टाक आ जाना चाहिए था।

ये दवाएं हुई खत्म

एसीटेलोप्राम, मिस्टाजेपीन, रिसपेरीजोन, पैराऑक्सीटीन, डाईकोरेट, प्रोप्रेनोलॉल सहित अन्य दवाएं पिछले क्भ् दिन से ज्यादा समय से खत्म हो गई हैं। यह दवाएं एंटी डिप्रेशन के लिए यूज की जाती हैं। जो मैनिया, माइग्रेन, डिप्रेशन के मरीजों के लिए जरूरी है। अस्पताल में वर्तमान में फ्लूऑक्सीटीन, सरटरैलीन एंटीडिप्रेसिव दो दवाएं ही स्टोर में उपलब्ध हैं। जो अगले दो दिनों में खत्म जो जाएंगी।

नहीं बदली जा सकती दवाएं

केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग के डॉक्टर्स के अनुसार मनोरोगियों में दवाए जो शुरू की जाती है उन्हें लम्बे समय तक चलाया जाता है। बीच में अगर दवा बदली गई तो पूर्व में दी गई दवाओं का असर खत्म हो जाता है।

कुछ दवाएं खत्म होने वाली हैं जिनके लिए आर्डर दे दिया गया है जल्द ही मरीजों के लिए उपलब्ध होंगी।

डॉ। एचके हसन, निदेशक सिविल हॉस्पिटल