शहर के सरकारी हॉस्पिटल्स में बीपी, गठिया और शुगर की दवाओं का टोटा

कई माह बाद भी सुचारू नही हो सकी सप्लाई, परेशान हो रहे मरीज

ALLAHABAD: कई महीने बीतने के बावजूद सरकारी हॉस्पिटल्स में डायबिटीज, गठिया और ब्लड प्रेशर की दवाओं की सप्लाई सुचारू नही हो पा रही है। ऐसे में मरीजों को परेशान होकर दर-दर भटकना पड़ रहा है। शासन द्वारा बार-बार दवाओं की उपलब्धता का आश्वासन दिया जा रहा है लेकिन नतीजा सिफर है। इन बीमारियों की कई दवाएं डॉक्टर तो पर्चे पर लिख रहे हैं लेकिन स्टोर से नो मेडिसिन कहकर मरीजों को वापस कर दिया जा रहा है।

31 अगस्त तक दूर होनी थी समस्या

कहा जा रहा था कि 31 अगस्त तक इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नही हुआ। अभी भी बदस्तूर यह दिक्कत चली आ रही है। बात दें कि मई माह से राज्य सरकार ने दवाओं की खरीद नियमों में बदलाव किया था। तभी से यह क्राइसिस चली आ रही है। इसके बाद जीएसटी लागू होने के बाद समस्या विकराल होती चली गई। नियमों के तहत हॉस्पिटल कंपनी से सीधे दवा खरीदने के बजाय कारपोरेशन के जरिए लेंगे। यह कारपोरेशन मंत्रियों और सचिव स्तर के अधिकारियों का होगा। कौन सी दवा लेना है, इसका फैसला कारपोरेशन ही करेगा।

इन बीमारियों की नही मिल रही दवा

ब्लड प्रेशर, शुगर और गठिया

6000

बेली और काल्विन हॉस्पिटल में प्रतिदिन आने वाले मरीज

1000

तीनों बीमारियों के प्रतिदिन हॉस्पिटल पहुंचने वाले मरीज

गरीबों के बस की नही प्राइवेट दवाएं

लाइफ स्टाइल डिजीजेज में सर्वाधिक मरीज इन तीनों बीमारियों के पाए जाते हैं। आमतौर पर मार्केट में इनकी दवाएं काफी महंगी बिकती हैं। यही कारण है कि सरकारी हॉस्पिटल में मिलने वाली दवाओं पर मरीजों का झुकाव ज्यादा होता है। मई तक सबकुछ ठीक चल रहा था लेकिन इसके बाद से दिक्कत शुरू हो गई। खासकर गरीब और असहाय मरीजों को दवाओं की क्राइसेस काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को काफी मिन्नतों के बाद बमुश्किल ये दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

धीरे-धीरे सभी दवाएं हॉस्पिटल में उपलब्ध हो रही हैं। कुछ दवाएं नही है तो उनकी खरीदारी की जा रही है। मरीजों को कोई दिक्कत नही होने दी जाएगी।

-डॉ। आरएस ठाकुर, प्रभारी सीएमएस, बेली हॉस्पिटल