RANCHI : पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट बंद किए जाने से मरीजों की मुश्किलें काफी बढ़ गई है। खासकर छोटे नोटों के संकट से उनके लिए दवा खरीदना मुश्किलों भरा साबित हो रहा है। हालांकि, अस्पतालों व दवा दुकानों में 24 तक पुराने नोट लेने पर छूट है, लेकिन कुछ दुकानदार बड़े नोटों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, जबकि कुछ दवा दुकानदारों ने मरीजों की सहूलियत के लिए पांच सौ और एक हजार के नोट एक्सेप्ट कर रहे हैं। हालांकि, इसके लिए मरीज व उनके परिजनों को एक दवा दुकान से दूसरी दवा दुकान का चक्कर लगाना पड़ रहा है।

मजबूरी का उठा रहे फायदा

शहर में कुछ दवा दुकानदार हैं, जो मरीजों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। वे इसी शर्त पर पांच सौ रुपए का नोट स्वीकार कर रहे हैं, जब मरीज कम से कम साढ़े चार सौ की दवा खरीदे। इसके अलावा एक हजार का नोट तभी वे ले रहे हैं, जब मरीज पांच सौ की दवा खरीद रहे हैं। हालांकि, कुछ दवा दुकानदार ऐसे भी हैं, जो मरीजों की परेशानी समझते हुए पांच सौ और एक हजार के नोट स्वीकार कर उनकी जरूरत की दवाएं दे रहे हैं।

किस दवा दुकान में क्या है स्थिति

1-बरियातू मेडिकल, रिम्स

-बड़े नोट लेना बंद

-इमरजेंसी में मरीजों को कर रहे मदद

2-साईं मेडिकल, अल्बर्ट एक्का चौक

नहीं ले रहे हैं पांच सौ और एक हजार के नोट

3-जय फार्मा, अल्बर्ट एक्का चौक

नहीं ले रहे हैं बड़े नोट

4-प्रसाद फार्मा, खेलगांव चौक के पास 500-1000 के नोट लेना बंद

5-कुमार फार्मा, हिनू

450 या फिर पांच सौ की दवा पर ले रहे बड़े नोट

6-जय हिंद फार्मा, अल्बर्ट एक्का चौक

पांच सौ और एक हजार का ले रहे नोट

7-ईजी दवाई, चर्च कांप्लेक्स

- सभी नोट एक्सेप्ट किए जा रहे हैं