- कॉलेज प्रशासन तैयार कर रहा सॉफ्टवेयर

- लखनऊ में बैठे डीजी कर सकेंगे मॉनीटरिंग

आगरा। एसएन मेडिकल कॉलेज में हर दवा पर अब लखनऊ से सीधे नजर रहेगी। इससे जहां दवा का टोटा दूर हो सकेगा, वहीं कॉलेज प्रशासन भी बजट की कमी का बहानेबाजी नहीं कर सकेगा। इसके लिए एक शासन के निर्देश पर एक सॉफ्टेवयर तैयार किया जा रहा है, जो दवा का स्टॉक मेनटेन करेगा।

शासन ने दिए निर्देश

कॉलेज में दवा वितरण के स्टॉक को लेकर पारदर्शिता रहे, इसके लिए शासन से अस्पताल प्रशासन को सॉफ्टवेयर डेवलप करने के आदेश दिए हैं। यह सॉफ्टवेयर महीनेभर में बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद दवाओं के स्टॉक की जानकारी सॉफ्टवेयर पर रहेगी। कौन सी दवा कितनी मात्रा में और, किस विभाग में कब-कब, कितनी दवाएं भेजी हैं, सभी जानकारियां सॉफ्टवेयर में उपलब्ध रहेगी।

अब तक कागजों में तैयार होता है रिकॉर्ड

अभी तक दवाओं के स्टॉक का रिकॉर्ड रखने का काम कागजों में होता है। ऐसे में कितनी दवाएं कहां गई है, इस बारे में सही-सही जानकारी नहीं मिल पाती। दवाओं में निचले स्तर पर होने वाली हेर-फेर भी नहीं पकड़ी जा सकती थी। लेकिन अब स्टॉक के रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन होने से इन अनियमतिताओं पर नियंत्रण किया जा सकेगा।

डीजी और सीएमओ करेंगे मॉनिटरिंग

सॉफ्टवेयर बनने के बाद अस्पताल में मौजूद दवाओं के स्टॉक की मॉनिटरिंग शासन से डीजी और सीएमओ भी कर सकेंगे। सॉफ्टवेयर का लॉग-इन स्टोर कीपर, सीएमओ, लखनऊ में डीजी के पास होगा। वे दवाओं के स्टॉक की जानकारी ले सकेंगे। अस्पताल में पड़ रही दवा की कमी को लेकर रिपोर्ट भी सीधे प्राप्त कर सकेंगे। हर बार अस्पताल प्रशासन द्वारा दवा को लेकर बजट की कमी बताई जाती है। इस बजट में दवा की खरीद के अलावा केमिकल, उपकरण और ऑक्सीजन का खर्चा भी निकाला जाता है। ऐसे में दवाएं आशा से कम आती हैं। दवाओं का सदुपयोग हो, इसके लिए शासन द्वारा मेडिकल कॉलेज को यह निर्देश दिया गया है।

वर्जन बॉक्स

शासन से हमें सॉफ्टवेयर तैयार कराने के निर्देश आएं हैं। महीनेभर में यह तैयार हो जाएगा, इसके बाद दवाओं के स्टॉक की मेंटेनिंग कम्प्यूटर से की जाएगी।

डॉ। सरोज सिंह, प्रिंसिपल