-निजी हाथों में होगी शहर का गोबर उठाने की कमान

-नगर निगम कर रहा शहर को स्वच्छ बनाने का प्रयास

-गोबर के बदले डेयरी संचालकों को दिया जाएगा धन

 

Meerut: मेरठ को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए नगर निगम ने युद्ध स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है। निगम की ओर से सबसे पहला काम शहर में सफाई और स्वच्छता को लेकर को लेकर किया जा रहा है। इसके लिए निगम ने शहर स्थित डेयरियों का गोबर आबादी से बाहर डंप कराने की एक विशेष कार्य योजना तैयार की है।

 

ये है समस्या

शहर में इस समय 1700 से ऊपर डेयरियां रिहायशी इलाकों में मौजूद हैं। नगर निगम के मुताबिक शहर में सबसे अधिक गंदगी पशु शालाओं से निकलने वाले गोबर की वजह से होती है। यही गोबर नालियों में बहकर सीवरेज लाइनों को चोक कर देता है। नालियां चोक होने से घरों से निकलने वाला पानी और नालियों का गोबर सड़कों पर बहने लगता हे। इसी वजह से शहर में जलभराव व गंदगी की समस्या खड़ी हो जाती है।

 

क्या है कार्य योजना

नगर निगम ने गंदगी व जलभराव की इस समस्या से निजात पाने के लिए एक विशेष कार्य योजना तैयार की है। कार्य योजना के मुताबिक शहर की डेयरियों से निकलने वाले गोबर को अब शहर से बाहर ले जाया जाएगा। योजना को अंजाम देने के लिए नगर निगम की ओर से टेंडर जारी कर एक प्राइवेट संस्था को हायर किया जाएगा। यह संस्था डेयरियों से गोबर उठाकर इसका प्रयोग कंपोस्ट खाद आदि बनाने में करेगी।

 

गोबर से धन

नगर स्वास्थ अधिकारी डा। प्रेम सिंह के मुताबिक इन संस्थाओं से गोबर की मात्रा के हिसाब से उसका पैसा वसूला जाएगा। इस रुपए का कुछ हिस्सा डेयरी संचालकों को दिया जाएगा। यह प्रयास एक तीर से तीन निशाने साधेगा। एक ओर जहां गोबर का उचित इस्तेमाल किया जा सकेगा, वहीं डेयरी संचालकों को नालियों में बहने वाले गोबर के बदले पैसा मिल सकेगा। जबकि इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि शहर में पसरी गंदगी से छुटकारा मिल जाएगा।

 

डेयरियों से निकलने वाले गोबर को रिहायश इलाकों से बाहर ले जाने की बात पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए टेंडर आदि की प्रक्रिया अपना कर किसी प्राइवेट संस्था को शामिल किया जाएगा।

-डॉ। प्रेम सिंह, नगर स्वास्थ अधिकारी