- वीसी, चीफ प्रोक्टर, खेल टीचर, बिजली ठेकेदार ने फेंकी थीं कुर्सी

- पांच लोगों के खिलाफ दी गई शिकायत, जल्द हो सकती है कार्रवाई

- स्पो‌र्ट्स टीचर पर पहले भी लगे हैं फर्जी डिग्री व छेड़खानी के आरोप

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी में दो दिन पहले वीसी द्वारा शासन के रजिस्ट्रार मनोज कुमार के ऑफिस में जाकर उनकी कुर्सी व अन्य सामान बाहर निकलवा दिया गया था। साथ ही उनके ऑफिस पर ताला भी जड़वा दिया। रजिस्ट्रार मनोज कुमार के अनुसार उनको धमकी दी गई और उनको कई लोगों के सामने डंडे से पीटने की भी बात कही। वीसी के साथ मौजूद लोगों ने उनको जान से मारने की भी धमकी दी। जिसको लेकर उन्होंने प्रशासन व शासन को सुरक्षा के लिए लेटर लिखा है। साथ ही थाने में भी पांच लोगों को नामजद और कुछ अज्ञात के खिलाफ शिकायत दी है।

यह था सीन

ख्8 जनवरी की रात करीब आठ बजे रजिस्ट्रार ऑफिस में शासन द्वारा नामित रजिस्ट्रार मनोज कुमार बैठे हुए थे। मनोज कुमार के अनुसार वे दो डीआर के साथ ऑफिस में बैठे थे। तभी वीसी अपने साथ चीफ प्रोक्टर जितेंद्र ढाका, प्रो वीसी एचएस सिंह, स्पो‌र्ट्स टीचर ओमपाल और बिजली ठेकेदार नजम व कई अन्य कर्मचारियों के साथ पहुंचे। वहां कैमरा चल रहा था और सबसे पहले माननीय कुलपति ने आते ही मेरी कुर्सी खींच ली। इसके बाद प्रो वीसी, चीफ प्रोक्टर और आखिर में इनकी कुर्सी को बिजली ठेकेदार ने खींच लिया।

मांगा गया डंडा

रजिस्ट्रार का कहना है कि कुलपति यूनिवर्सिटी के सुप्रीम हैं और उन्होंने मुझे पीटने के लिए डंडा मांगा। इसकी रिकॉर्डिग भी कैमरे में कैद है। गलत हूं तो कर्मचारियों का नार्को टेस्ट करवा लिया जाए, असलियत सामने आ जाएगी। अधिकारियों की बात तो ठीक है, लेकिन बिजली ठेकेदार नजम और स्पो‌र्ट्स टीचर का मेरी कुर्सी खींचने का कोई औचित्य नहीं बनता। अगर मीडिया या जानकार नहीं आए होते तो मेरे साथ काफी कुछ हो सकता था। मुझे इन लोगों ने जान से मारने की धमकी भी दी, जिसके चलते मैंने थाने में तहरीर दी है। शासन और प्रशासन को भी अवगत करा दिया गया है।

टेंडर में भी बड़ा खेल

रजिस्ट्रार मनोज कुमार का आरोप है कि मैं अगर एक बाबू की मांग करता हूं तो लेटर को खारिज कर दिया जाता है। एफसी बाबू को मांगता है तो उसके लिए दे दिया जाता है। कुछ दिन पहले ही टेंडर छोड़ा जाता है और उसमें तीन कंपनियों की जगह एक ही कंपनी को आने की जानकारी दी जाती है। किसको मेडल टेंडर देना है और कितने मेडल आने हैं या पुरानी कमियों को देखते हुए क्या किया जाना चाहिए इस पर कोई कदम नहीं उठाया जाता। जब कहा गया तो विरोध किया गया। आज भी जब भर्ती प्रक्रिया में शासन के पदेन अधिकारी के तौर पर जानकारी मांगी गई तो इन्होंने मेरे साथ यह सब किया।

क्यों हटाई गई सुरक्षा

रजिस्ट्रार का कहना है कि उनके पास सुरक्षा दी गई थी, लेकिन उसको हटवा दिया गया। मैं फिर भी अपनी जगह काम करता रहा। अगर कुलपति कह देते कि मुझे यहां से जाना है और यहां ना बैठा जाए तो मैं चला जाता। इसके लिए एक लीगल प्रोसेडिंग अपनाई जाती। शासन से मुझे यहां से जाने के लिए कहा जाता तो मैं पहले ही चला गया होता। जो मेरे साथ हुआ वह गलत है। इसके लिए मैने उन लोगों के खिलाफ लिखित में शासन और प्रशासन को लिखकर भेजा है, जिन्होंने ऑफिस का सामान बाहर फेंका। यह पब्लिक की प्रॉपर्टी है और इसको हटवाने का किसी को अधिकार नहीं है।

स्पो‌र्ट्स टीचर की जांच का मामला

माना जा रहा है कि खेल शिक्षक की डिग्री और लड़की द्वारा छेड़खानी के आरोप को लेकर जांच बैठाई गई थी। जिसमें आजतक कुछ नहीं हुआ। इसके चलते वीसी की पार्टी में यह भी शामिल हो गए। जांच में निकल जाएंगे और इनका कुछ नहीं होगा। वहीं बिजली ठेकेदार की मौजूदगी पर भी बड़े सवाल खड़े हुए हैं। एफसी के घर पकड़ी गई बिजली चोरी का मामला कहीं जुड़ता हुआ नजर आ रहा है। जिनके खिलाफ जांच बैठाई गई थी। इसमें भी कुछ नहीं हो पाया। ऐसे में गड़बड़ करने वाला यह पूरा ग्रुप एक जगह इकट्ठा नजर आ रहा है।