पाकिस्तान का पूर्व मंत्री है ये बजरंगी

पाकिस्तान के पूर्व मानवाधिकार मंत्री और मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी ने ऐसी सच्चाई सामने रखी है जिससे पता चलता है असली 'बजरंगी भाईजान' तो वे खुद हैं। लेकिन त्रासदी ये हे कि इस बजरंगी की मुन्नी को अभी उसका परिवार नहीं मिला है। ये मुन्नी असल में गीता के नाम से जानी जाती है क्योंकि ये भी बोल नहीं सकती है। लेकिन कहानी में ट्विस्ट ये है कि ये मुन्नी  हिंदुस्तानी है।  

हिंदुस्तानी है मुन्नी यानि गीता

बर्नी का कहना है कि वो लाहौर स्टेशन पर मिली एक गूंगी-बहरी लड़की गीता उर्फ गुड्डी को उसके परिवार से मिलाने के लिए तीन साल पहले दिल्ली आए थे। उन्होंने ये भी कहा कि हरियाणा के कुछ इलाकों में जाकर गुड्डी का फोटो खाप पंचायतों तक में दिखाकर मदद मांगी थी। लेकिन फिल्हाल इसका कोई नतीजा नहीं निकला है। बर्नी ने गुड्डी के परिवार की तलाश के लिए अपने सोशल मीडिया अकाउंट और ट्वीटर पर भी जानकारी दी और मदद मांगी थी।

16 साल से परिवार की तलाश

फिल्हाल गुड्डी पाकिस्तान की मशहूर चैरिटी ईदी फाउंडेशन के ओनर बिलकिस ईदी और अब्दुल सत्तार ईदी के साथ कराची में रह रही है। बर्नी ने बताया कि इस भारतीय मुन्नी को करीब सोलह साल पहले पाकिस्तान पुलिस ने लाहौर से पकड़ा था, तब उसकी उम्र महज सात या आठ साल थी. वह न बोल पाती है और न सुन पाती है। करीब तीन साल पहले अक्टूबर, 2012 में जब बर्नी गुड्डी का फोटो लेकर भारत आए थे, तब यहां की मीडिया ने भी बर्नी की मदद की थी और उसे अच्छी कवरेज दी थी. पर अब तक पिछले 16 साल से दूसरे देश में भटक रही अब 23-24 साल की हो चुकी इस लड़की को उसका परिवार नहीं मिल सका है।

बेहद धार्मिक आस्था वाली इस बच्ची के बारे में अंसार को लगता गीता उर्फ गुड्डी करीब 16 साल पहले गलती से समझौता एक्सप्रेस से लाहौर पहुंच गई थी। पूछने पर उसने टूटी फूटी हिंदी में अपना नाम गीता उर्फ गुड्डी लिख कर बताया। जबकि घर के बारे में उसने इशारों से बताने की कोशिश की वो एक मैदान की झोपड़ी है और उसके पीछे होटल और अस्पताल है।

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