मत्स्यकन्या का जन्म
आपने कहानी और किस्सों में जलपरी के बारे में सुना होगा पर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर शहर में शुक्रवार को सच में एक जलपरी जन्मी हालाकि ये नन्हीं मत्स्यकन्या महज 10 मिनट ही जीवित रह सकी। कहानियों में वर्णित इस पौराणिक प्राणी के बारे में लोगों की कितनी उत्सुकता है इसका अहसास तब हुआ जब ऐसे बच्चे के जन्म की खबर फैलते ही, जहां बच्चे का जन्म हुआ था उस अस्पताल के बाहर लोगों की भीड़ इकठ्ठी हो गयी। डाक्टरों का भी कहना है कि उन्होंने अपने करियर में ऐसा चमत्कार कभी नहीं देखा।

एक विकृति है ऐसे बच्चे का जन्म
ऊपर से सामान्य और नीचे से एकल अंग के साथ बच्चे का जन्म होना दरसल एक प्रकार की जन्मजात विकृति है। डाक्टरों का कहना है इस विकार को सिरिनोमीलिया या मरमेड सिंड्रोम कहते हैं। इसमें गर्भ में बच्चे का पूर्ण विकास नहीं होता और अपूर्ण शरीर के साथ जनम लेता है। ऐसे बच्चों का जीवित रहना लगभग असंभव होता है और यही इस बच्ची के साथ हुआ जन्म के 10 मिनट बाद ही उसकी मृत्यु हो गयी। चिकित्सकों का कहना है कि ये एक दुर्लभ मामला था।  

Mermaid

बिलकुल जलपरी जैसी था बच्चा
डाक्टरों के अनुसार इस बच्चे का ऊपरी धड़ पूरी तरह से विकसित था और नीचे का हिस्सा एकल अंग था। इसी वजह से ये भी तय नहीं किया जा सकता था बच्चे का लिंग क्या है। उसके हाथ मछली के पंखों की तरह फैले थे और निचला हिस्सा उसकी पूंछ की तरह था।

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