- शहर के पुराने इलाके में संचालित होने वाले अस्पताल को फिर से शुरू करने की कवायद तेज

- राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी के निर्देश के बाद पहुंचे CMO, कार्ययोजना तैयार कर भेजने का मातहतों को दिया निर्देश

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शहर के पक्के महाल में लोगों की हेल्थ प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए संचालित होने वाले बल्लभराम शालिग्राम मेहता अस्पताल रामघाट की शुरुआत फिर से होगी। इसके लिए राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी की मंशा के बाद प्रशासनिक स्तर पर कवायद शुरू हो गई है। बुधवार को सीएमओ अचानक अस्पताल पहुंचे और यहां पड़ताल करने के बाद अस्पताल को फिर से शुरू करने के बाबत कार्ययोजना तैयार कर उनको भेजने का निर्देश मातहतों को दिया।

लाइफलाइन था ये अस्पताल

संकठा जी मंदिर से आगे रामघाट पर गंगा किनारे बना ये अस्पताल किसी समय अपने आप में अनोखा अस्पताल हुआ करता था। गलियों से पेशेंट को यहां तक लाने के लिए वोट एंबुलेंस का सहारा भी लिया जाता था। तमाम जांच की सुविधा एक साथ यहां मौजूद थी लेकिन रुपयों की कमी और सरकारी फंड के न मिलने के कारण अस्पताल को ट्रस्ट के लोगों को बंद करना पड़ा। लेकिन शहर दक्षिणी से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद राज्यमंत्री बने डॉ नीलकंठ तिवारी ने इस अस्पताल को फिर से शुरू कराने का प्रयास किया और ऑफिसर्स को मौका मुआयना कर आवश्यक कार्रवाई को कहा। जिसके बाद डीएम ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए सीएमओ को अस्पताल का निरीक्षण करने और आवश्यक कार्रवाई को कहा। इसी के बाद बुधवार की दोपहर सीएमओ डॉक्टरों की टीम के साथ यहां पहुंचे और अस्पताल के ओपीडी रुम से लेकर बाकि कमरों की जांच की। लगभग एक घंटे से ज्यादा वक्त तक रुके अधिकारियों ने अस्पताल बंद होने के कारणों से लगायत अन्य पहलुओं पर भी अस्पताल स्टॉफ से बातचीत की।

आई नेक्स्ट ने उठाया था मामला

बल्लभराम शालिग्राम मेहता अस्पताल रामघाट को पक्के महाल का एम्स भी कहा जाता था। इस अस्पताल के चलने से उन लोगों को बड़ी राहत थी जो गलियों में रहते थे। इसी समस्या से जूझ रहे लोगों के दर्द को आई नेक्स्ट ने अपनी खबर के जरिए मुहिम बनाकर उठाया था। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने बंद पड़े अस्पताल की ओपीडी को शुरू कराया।