भूले भटके शिविर के माध्यम से अपनों से मिले सात हजार लोग

रात दो बजे से ही शुरू हो गया था बिछड़ों को मिलाने का सिलसिला

ALLAHABAD: मौनी अमावस्या स्नान के लिए आए लोग भीड़ में एक-दूसरे से बिछड़ते रहे और भूले-भटके शिविर उन्हें मिलाता रहा। स्थिति यह रही कि रात दो बजे से ही लोगों को मिलाने का क्रम शुरू हुआ तो मंगलवार शाम पांच बजे तक सात हजार से अधिक श्रद्धालु अपने परिजनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने के लिए संगम नोज व मेला प्रशासन के शिविर में पहुंच चुके थे।

7444 श्रद्धालुओं ने लगाई गुहार

अमावस्या स्नान पर भूले भटके शिविर में एक दर्जन कर्मचारियों की ड्यूटी रात दो बजे से ही लगा दी गई थी। छह-छह की संख्या में कर्मचारी संगम नोज व पुलिस प्रशासन के कैंप कार्यालय में स्थित शिविर में मौजूद रहे। दिनभर में 7444 श्रद्धालु अपने परिजनों के गुम होने की शिकायत करने पहुंचे। शाम पांच बजे तक दोनों शिविरों के माध्यम से 7425 महिला व पुरुषों को उनके परिजनों से मिलाया गया तो कर्मचारियों ने छोटे-छोटे 19 बच्चों को भी परिजनों से मिलाया।

स्नान पर्वो पर मिलने का आंकड़ा

02

जनवरी पौष पूर्णिमा पर 52 महिला व पुरुष और दो बच्चों को परिजनों से मिलाया गया

14

जनवरी मकर संक्रांति के पहले दिन 285 महिला व पुरुष और दो बच्चों को मिलाया गया

15

जनवरी मकर संक्रांति के मुख्य स्नान पर्व पर 4773 महिला व पुरुष और 19 बच्चों को मिलाया गया

16

जनवरी मौनी अमावस्या पर सर्वाधिक 7425 महिला व पुरुष और 19 बच्चों को परिजनों से मिलाया गया